नहाय खाय के दिन VIP में बड़ी टूट, उपाध्यक्ष रंजीत सहनी समेत कई नेता बीजेपी में शामिल, भाजपा अध्यक्ष बोले..विधायक से बड़ा पद हम इनको देंगे महापर्व पर बादशाह इंडस्ट्रीज ने छठ व्रतियों के बीच पूजन सामग्री का किया वितरण, मंत्री अशोक चौधरी भी रहे मौजूद बेतिया के योगापट्टी में लगी भीषण आग, सात घर जलकर राख Bihar Crime News: बिहार में पूर्व बीजेपी विधायक की कार से बियर बरामद, वाहन जांच के दौरान हुई कार्रवाई Bihar Crime News: बिहार में पूर्व बीजेपी विधायक की कार से बियर बरामद, वाहन जांच के दौरान हुई कार्रवाई Satish Shah Death: फेमस बॉलीवुड एक्टर सतीश शाह का निधन, फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर Satish Shah Death: फेमस बॉलीवुड एक्टर सतीश शाह का निधन, फिल्म इंडस्ट्री में शोक की लहर Bihar News: बिहार में छठ घाट निर्माण के दौरान बड़ा हादसा, बागमती नदी में 5 लोग डूबे; तीन की मौत Bihar News: पढ़ाई-दवाई-सिंचाई-सप्लाई, अमित शाह ने चार सूत्रों पर दिया जोर, कहा- लालू-सोनिया परिवार की 2 पहचान भ्रष्टाचार और.... Bihar Election 2025: बिहार विधानसभा चुनाव में दिखा प्रचार का अनोखा अंदाज, प्रत्याशी ने गले से पैर तक खुद को जंजीर से जकड़ा
1st Bihar Published by: Updated Sat, 18 Jul 2020 11:35:37 AM IST
- फ़ोटो
DESK: बाबा रामदेव की पतंजलि को एक और झटका लगा है. मद्रास हाईकोर्ट ने कोरोनिल के ट्रेडमार्क पर रोक लगा दिया है. आरोप है कि यह ट्रेडमार्क किसी और कंपनी का है. फिर भी बाबा ने अपने दवा का नाम कोरोनिल ट्रेडमार्क पर रखा.
मद्रास हाईकोर्ट के जस्टिस सी वी कार्तिकेयन ने इस मामले पर सुनवाई करते हुए 30 जुलाई तक के लिए रोक लगा दिया है. चेन्नई की कंपनी अरुद्रा इंजीनियरिंग लिमिटेड में बाबा रामदेव के कोरोनिल नाम रखने पर हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की थी.
कंपनी ने किया दावा
कंपनी ने दावा किया है कि ‘कोरोनिल' 1993 से उसका ट्रेडमार्क है. इस पर उसका 2027 तक अधिकार है. ऐसे में कोई दूसरी कंपनी इस नाम का इस्तेमाल नहीं कर सकती है. इस कंपनी काम केमिकल्स और सैनिटाइजर्स बनाती है. इसका इस्तेमाल हेवी मशीनरी और कंटेनमेंट यूनिट्स में किया जाता है. कंपनी ने दावा किया है कि उसने 1993 में कोरोनिल-213 एसपीएल और कोरोनिल-92बी का रजिस्ट्रेशन कराया था. बता दें कि बाबा रामदेव की कंपनी ने सर्दी खांसी बनाने का लाइसेंस लेकर कोरोना का दवा बनाने का दावा किया था, लेकिन यह दावा फेल हो गया. बाबा ने कहा था कि कोरोना मरीजों पर इसका टेस्ट हुआ था, लेकिन वह भी झूठ निकला था. बाद में बाबा की कंपनी को इम्यूनीटी बढ़ाने का दवा बेचने की अनुमति मिली. लेकिन अब ट्रेड मार्क को लेकर विवाद सामने आ गया है.