अब स्कूली बसों पर होगी कार्रवाई.. पटना में डीज़ल से चलने वाली 15 साल से अधिक पुरानी बसे होंगी बंद

अब स्कूली बसों पर होगी कार्रवाई..  पटना में डीज़ल से चलने वाली 15 साल से अधिक पुरानी बसे होंगी बंद

PATNA : वायु प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए डीज़ल चालित ऑटो के बाद अब बसों पर भी लगाम लगाने की तैयारी चल रही है. इसमें भी सबसे पहले स्कूली बसों पर कार्रवाई होगी. इसके तहत पटना नगर निगम, दानापुर नगर परिषद, खगौल, पटना सिटी और फुलवारीशरीफ नगर परिषद क्षेत्र में स्थित प्राइवेट स्कूलों द्वारा संचालित की जाने वाली डीजल बसों के परिचालन पर रोक लगेगी. 


परिवहन विभाग के अधिकारी के मुताबिक, वैसे स्कूल बस जो 15 साल से अधिक पुरानी हैं, उन्हें बंद करने के लिए कार्रवाई अगले सप्ताह से की जाएगी. अभियान चलाकर स्कूल बसों की जांच की जाएगी. अगर शहरी क्षेत्र में 15 साल से अधिक पुरानी बस परिचालित करते पकड़े जाने पर जुर्माना के साथ-साथ जब्ती की भी कार्रवाई हो सकती है. जांच के दौरान परमिट सहित सभी तरह के कागजात जांच की जाएगी.


पटना नगर निगम, दानापुर नगर परिषद, खगौल, पटना सिटी और फुलवारीशरीफ नगर परिषद क्षेत्र में स्कूली बसों की संख्या करीब 300 से अधिक है. बोरिंग रोड, बेली रोड, कंकड़बाग, पाटलिपुत्र, राजेन्द्र नगर, कदमकुआं, गांधी मैदान, अनीसाबाद, फुलवारी एम्स, दीघा, बुद्धा कॉलोनी, राजवंशी नगर, जगनपुरा, सिपारा सहित विभिन्न इलाकों में प्राइवेट स्कूल है. 


इस वजह से शहर के प्रमुख रोड से लेकर ब्रांच रोड हर दिन बसें दौड़ती हैं. स्कूली बसों के लिए कोई रूट निर्धारित नहीं है. किसी भी रूट पर चल सकती हैं. ऐसे में शहर के विभिन्न इलाकों में आने-जाने का सिलसिला जारी रहती है. जांच होने पर करीब 50 से अधिक बसें 15 साल पुरानी निकलेंगी.


बता दें कि शहर को डीजल मुक्त बनाने की कवायद शुरू कर दी है. आने वाले दिनों में डीजल बस सड़क पर नहीं दिखेगी. सरकारी और प्राइवेट लोकल डीजल बस को सीएनजी में कर्न्सट करने की प्रक्रिया चल रही है. इसके बाद स्कूली बसों को डीजल की जगह सीएनजी से परिचालित करने का अनुरोध किया जाएगा.