अब पप्पू यादव बाढ़ राहत कैम्प चलाएंगे, तटबंध टूटा तो मौके पर पहुंच गए

अब पप्पू यादव बाढ़ राहत कैम्प चलाएंगे, तटबंध टूटा तो मौके पर पहुंच गए

PATNA : कोरोना महामारी के बीच बिहार के 10 जिले भीषण बाढ़ की चपेट में है और जन अधिकार पार्टी के अध्यक्ष पप्पू यादव बाढ़ प्रभावित लोगों के बीच। लगातार बाढ़ पीड़ितों के बीच मौजूद पप्पू यादव ने सरकारी इंतजाम से अलग अपने स्तर से बाढ़ राहत शिविर चलाने का फैसला किया है। पप्पू यादव ने कहा है कि वह बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कैंप खोलेंगे और लोगों को हर संभव मदद मुहैया कराएंगे।


पप्पू यादव ने कहा कि आज पूरा उत्तर बिहार बाढ़ की विभीषिका झेल रहा है। लेकिन लोगों को कोई सरकारी सहायता नहीं मिल रही है। हमने पूर्व में भी देखा है कि जब भी संकट आया है सुशासन कैद रहा है। और अब भी यही हो रहा है। चार महीने के लॉकडाउन ने पहले ही मध्यम और निम्न वर्ग की कमर तोड़ दी है और अब बाढ़ से स्थिति और भी ख़राब हो गई है। मैं सरकार द्वारा एक विशेष पैकेज की घोषणा की मांग करता हूं।


जाप अध्यक्ष ने कहा कि सभी मंत्री, विधायक और सांसद गायब है। इन्हें बाढ़ वाले क्षेत्रों में जाकर देखना चाहिए कि गरीब आम जनता किन परिस्थितियों में जीवन जीने को मजबूर हैं। सिंचाई विभाग के मंत्री को इस्तीफा देना चाहिए तथा इस स्थिति के लिए जिम्मेदार अधिकारियों, ठेकेदारों को तत्काल प्रभाव से बर्खास्त करना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हुआ तो हम एक सप्ताह के भीतर कोर्ट में पीआईएल दायर कर एफआईआर दर्ज करेंगे। पप्कपू ने कहा कि बांध में जरूरी प्लेट लगाए नहीं जाते हैं। सारे पैसे लूट लिए जाते हैं और जब बाढ़ आती है तो नेपाल पर दोषारोपण किया जाता है। बाढ़ का ही फायदा उठाते हुए सड़क योजनाओं में धांधली होती है। सड़कें बनती नहीं है और बाद में कह दिया जाता है सड़क बाढ़ में टूट गई। इन सबकी जांच होनी चाहिए। 


कोरोना वायरस का जिक्र करते हुए पप्पू यादव ने कहा कि पहले जो सरकार डींगें हांक रही थी वह आज बेबस दिख रही है। राज्य में 1,000  से भी कम वेंटिलेटर है और सरकारी अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी है।