DESK: अब घर बैठे लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। लोगों को अब मतदान केंद्र जाने की जरूरत नहीं है। मतदान केंद्र पर जाकर लंबी कतारों में अब लगने की भी जरूरत नहीं है। इस बार विधानसभा चुनाव में वोट फ्रॉम होम की सुविधा चुनाव आयोग मतदाताओं को देने जा रही है।
हम बात कर रहे हैं राजस्थान में होने वाली विधानसभा चुनाव की जिसे लेकर मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि राजस्थान में ऐसा पहली बार होने जा रहा जब लोग अपने-अपने घरों में बैठकर मतदान कर सकेंगे। बता दें कि राजस्थान विधानसभा चुनाव की तैयारियों का जायजा लेने के लिए चुनाव आयोग की टीम बीते तीन दिनों से जयपुर में हैं। रविवार को मैरियट होटल में मीडिया को संबोधित करते हुए उन्होंने यह बातें कही।
पत्रकारों से बातचीत करते हुए मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा कि इस बार के राजस्थान विधानसभा चुनाव में हम 'वोट फ्रॉम होम' की सुविधा देने जा रहे हैं। इसके तहत वोटर बिना पोलिंग बूथ पर गये ही घर बैठे अपने मताधिकार का प्रयोग कर सकेंगे। वोट फ्रॉम होम की सुविधा सभी मतदाताओं के लिए नहीं है यह सुविधा सिर्फ 80 साल या उससे अधिक उम्र वाले मतदाताओं के लिए होगी। राजस्थान में ऐसे वोटरों की संख्या 11.8 लाख है। 100 साल से अधिक उम्र वाले मतदाताओं की संख्या 18 हजार 400 हैं। बुजुर्ग मतदाताओं का ख्याल रखते हुए चुनाव आयोग यह कदम उठाने जा रही है। अब बुजुर्ग और दिव्यांग घर से ही वोटिंग कर सकेंगे।
इस सुविधा का लाभ उठाने के लिए फॉर्म-12D भरना होगा। चुनाव का नोटिफिकेशन जारी होने के बाद 5 दिन के अंदर इसे भरा जा सकता है। उन्होंने बताया कि 40% से ज्यादा दिव्यांग वाले मतदाता को भी यह सुविधा मिलेगी। 4 अक्टूबर को मतदाता सूची जारी की जाएगी। उन्होंने सभी मतदाताओं को अपना वोट जरूर डालने की बात कही।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि राजस्थान विधानसभा चुनाव में गड़बड़ियों को रोकने के लिए 50 प्रतिशत पोलिंग बूथ से लाइव वेबकास्टिंग होगी। साथ ही 1600 बूथ ऐसे होंगे जिन्हें युवा संभालेंगे। यूथ में महिलाएं भी शामिल होंगी। राजस्थान में चुनाव निष्पक्ष कराया जाएगा। यहां 5 करोड़ 25 लाख मतदाता है। इसमें 2.73 करोड़ पुरुष मतदाता, 2.51 करोड़ महिला मतदाता हैं। 604 ट्रांसजेंडर जबकि 5.61 लाख दिव्यांग मतदाता है।
उन्होंने बताया कि क्रिमिनल बैकग्राउंड के प्रत्याशी को 3 न्यूज पेपर में अपनी जानकारी देनी होगी। साथ ही राजनीतिक पार्टियों को भी यह बताना होगा कि उन्होंने क्रिमिनल बैकग्राउंड के प्रत्याशी को टिकट क्यों दिया? क्या उस विधानसभा में उनके अलावा कोई प्रत्याशी नहीं था। इसे लेकर राजनीतिक पार्टियों को अखबार में स्पष्टीकरण देना होगा और पूरी बात बतानी होगी।