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1st Bihar Published by: Updated Tue, 15 Jun 2021 07:49:26 AM IST
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PATNA : लोक जनशक्ति पार्टी में हुए तख्तापलट के बाद अब बिहार में नई सियासी चर्चा चल रही है। राजनीतिक गलियारे में लगातार यह चर्चा हो रही है कि जेडीयू यानी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के निशाने पर अब कांग्रेस पार्टी हो सकती है। ऑपरेशन लोजपा के बाद जब ऑपरेशन कांग्रेस को लेकर सियासी गलियारे में चर्चा तेज है। सोमवार को दिनभर यह चर्चा होती रही कि कांग्रेस के 10 विधायकों को जनता दल यूनाइटेड ने साथ मिला है अगर तीन से चार विधायक और जुड़ गए तो फिर कांग्रेस में भी टूट जाएगी।
चिराग पासवान और उनकी पार्टी का जो हाल हुआ उसे देखते हुए अब कांग्रेस नेतृत्व भी अलर्ट मोड में आ गया है। उसने अपने सभी विधायकों को एकजुट रखने के लिए पार्टी के प्रमुख विधायकों को जिम्मेदारी दे दी है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस के तीन से चार विधायकों का एक एक ग्रुप बनाया गया है। हर ग्रुप की जिम्मेदारी किसी एक विधायक को दी गई है। यह विधायक लगातार दूसरे विधायकों के संपर्क में बने हुए हैं। प्रदेश से लेकर केंद्रीय नेतृत्व के कोई जोखिम लेने के मूड में नजर नहीं आ रहा है। चर्चा यह भी है कि कांग्रेस छोड़कर आने वाले बिहार सरकार के एक पूर्व मंत्री इस ऑपरेशन में लगे हुए हैं। उनकी पकड़ कांग्रेस के अंदर आज भी अच्छी खासी है लिहाजा वह अपने कांटेक्ट का इस्तेमाल कर हाथ को कमजोर करने में जुटे हुए हैं।
चर्चा है कि बिहार में कांग्रेस के 19 में से कम से कम 13 विधायक अगर पार्टी छोड़ने को तैयार हो जाए तो जनता दल यूनाइटेड एक झटके में इस ऑपरेशन को सफल बना देगा। इसके लिए जेडीयू की तरफ से पूरी तैयारी रखी गई है। अल्पसंख्यक तबके से आने वाले कांग्रेस के 3 विधायकों पर जेडीयू की नजर है। इसके अलावे अन्य विधायक जो जेडीयू नेताओं के बेहद करीबी हैं उन्हें भी साधने की कोशिश की जा रही है लेकिन आंकड़ा पूरा नहीं होने के कारण या ऑपरेशन अभी एक्टिवेट होता नहीं दिख रहा। हालांकि कांग्रेस के अंदर एक टूट की आशंका को लेकर खबर पहली बार नहीं आई है। बीते साल जब विधानसभा चुनाव के परिणाम आए थे तो उसके बाद भी कांग्रेस के विधायकों में टूट की खबरों को लेकर चर्चा हुई लेकिन पार्टी के सभी विधायक एकजुट रहे। बिहार के प्रभारी भक्त चरण दास ने पूरी स्थिति को लेकर वरिष्ठ नेताओं से बातचीत की है। कुछ सीनियर नेताओं ने यह भी सलाह दी है कि विधायकों को पटना बुला लिया जाए। सूत्रों की मानें तो कुछ नेताओं ने आलाकमान को सलाह दी है कि सभी विधायकों को कहीं एक साथ घूमने फिरने के लिए ले जाया जाए।