PATNA: भाजपा के कई एजेंडे के विरोध का एलान कर चुके नीतीश कुमार अब विरोध का दिखावा करने से भी बच रहे हैं. लोकसभा में कल मोदी सरकार का नागरिकता संशोधन विधेयक (CITIZENSHIP AMENDMENT BILL) पेश होगा. जदयू इस विधेयक का समर्थन करने की तैयारी कर चुकी है. जानकारों की मानें तो ट्रिपल तलाक और धारा 370 जैसे मसले पर जदयू ने जिस तरीके से विरोध का दिखावा किया था, इस दफे वैसा दिखावा भी नहीं करके सीधे समर्थन की तैयारी कर ली गयी है.
बगैर जानकारी के शिवानंद तिवारी ने दे दी नीतीश को बधाई
दरअसल कल शिवानंद तिवारी का बयान आया. उन्होंने मोदी सरकार के नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करने के लिए नीतीश कुमार का स्वागत किया. उन्होंने ये भी सलाह दे डाली कि जदयू को विधेयक पर वोटिंग के दौरान वाकआउट करने के बजाय विरोध में वोट डालना चाहिये. शिवानंद तिवारी के बयान से खुद जदयू नेता हैरान हैं. उनकी मानें तो नीतीश तय कर चुके हैं कि नागरिकता संशोधन विधेयक का समर्थन करना है. जदयू प्रवक्ता पवन वर्मा के मुताबिक उन्हें अब तक जो जानकारी है उसके मुताबिक जदयू के सांसद लोकसभा में इस विधेयक के पक्ष में वोट करेंगे.
नीतीश ने बदल लिया स्टैंड
दरअसल नीतीश कुमार पहले से कहते आ रहे हैं कि वे भाजपा के कई एजेंडे के खिलाफ हैं. उन्होंने ट्रिपल तलाक और कश्मीर से धारा 370 हटाने और नागरिकता संशोधन विधेयक का विरोध करने का पहले से एलान कर रखा था. नीतीश कुमार ने पूर्वोत्तर राज्यों के कई नेताओं से मुलाकात कर उन्हें ये भरोसा दिलाया था कि उनकी पार्टी नागरिकता संबंधी केंद्र सरकार के विधेयक का विरोध करेगी. लेकिन अब उनका स्टैंड बदल गया है. जदयू के एक वरीय नेता के मुताबिक शुरू में नीतीश इस विधेयक के खिलाफ थे. लेकिन बाद में केंद्र सरकार ने इस विधेयक में कई फेरबदल किया. केंद्र ने पूर्वोत्तर के पहाड़ी राज्यों को इस विधेयक के दायरे से बाहर रखने का फैसला लिया है. जदयू नेता के मुताबिक ऑल असम स्टूडेंट यूनियन समेत कई संगठनों ने नीतीश कुमार को सूचित किया है कि वे नागरिकता विधेयक का विरोध नहीं कर रहे हैं. ऐसे में अब जदयू के विरोध का कोई कारण बचता नहीं है. जदयू प्रवक्ता राजीव रंजन के मुताबिक उनकी पार्टी को नागरिकता विधेयक को लेकर कई तरह की शंका थी. लेकिन केंद्र सरकार ने उन आशंकाओं को दूर कर दिया है. इसलिए पार्टी ने विधेयक के पक्ष में वोट करने का फैसला लिया है.
शिवानंद बोले-नीतीश का सेक्यूलर इमेज खतरे में
उधर शिवानंद तिवारी ने कहा कि उन्होंने एक वेब पोर्टल पर खबर देखकर नीतीश के बारे में प्रतिक्रिया दी थी. अगर वाकई नीतीश कुमार की पार्टी इस विधेयक का समर्थन कर रही है तो इससे नीतीश का सेक्यूलर इमेज खत्म हो जायेगा. ऐसे में बेहतर यही होगा कि नीतीश अपनी पार्टी का विलय ही भाजपा में कर लें.