PATNA : बिहार के लोगों के लिए राहत भरी खबर है। फिलहाल सूबे के अंदर बिजली दरों में कोई वृद्धि नहीं होगी। बिहार विद्युत विनियामक आयोग ने बिजली कंपनी की पुनर्विचार याचिका पर सुनवाई के बाद बिजली दर में वृद्धि के प्रस्ताव को खारिज कर दिया है। हालांकि आयोग ने कंपनी की ओर से उठाए गए बिंदुओं का समाधान कर दिया। खासकर कंपनी के खर्च का हिसाब और आमदनी को दुरुस्त कर दिया गया है।
दरअसल, इस साल मार्च में विनियामक आयोग ने नई बिजली दर तय किया था, जो एक अप्रैल से लागू है। उस समय आयोग ने बिजली दर में वृद्धि के बदले 15 पैसे प्रति यूनिट की कमी कर दी थी। इसके बाद बिजली कंपनी ने इसको लेकर पुनर्विचार याचिका दायर की थी। कंपनी ने 17 बिंदुओं पर सवाल उठाए थे। कंपनी ने तर्क दिया था कि आयोग ने पैसों का हिसाब सही तरीके से नहीं किया है। खासकर कंपनी की आमदनी, खर्च और बिजली की खरीद मूल्य का जोड़ सही तरीके से नहीं किया गया। अगर सही तरीके से मूल्यांकन हो तो बिहार में बिजली दर में वृद्धि की आवश्यकता है।
इसके साथ ही कंपनी ने वितरण और तकनीकी नुकसान तथा बाजार से अधिक दाम पर बिजली की खरीद का भी सही तरीके से मूल्यांकन नहीं होने का मामला उठाया था। आयोग ने कंपनी की सभी दलीलों को सुना। साथ ही कंपनी की आमदनी के पैसों के जोड़ को सही किया। साथ ही कुछ टंकण भूल भी दुरुस्त किया गया, लेकिन आयोग ने कंपनी की ओर से बिजली दर में वृद्धि के प्रस्ताव को सिरे से खारिज कर दिया।
इधर, इस प्रस्ताव के खारिज होने के बाद यह तय हो गया है कि फिलहाल लोगों को बिजली के लिए अधिक पैसे नहीं देने होंगे। मतलब वर्त्तमान में वह जिस रेट से बिजली का उपयोग कर रहे हैं उसी रेट से आगे भी करते रहेंगे इसमें फिलहाल कोई बड़ा बदलाव नहीं होने जा रहा है। अब आयोग के इस निर्णय से कई लोगों को बड़ी राहत मिली है। इस फैसले को विनियामक आयोग के अध्यक्ष आमिर सुबहानी, सदस्य अरुण कुमार सिन्हा और पीएस यादव ने कं सुनाया।