DELHI: अपनी विभिन्न मांगों को लेकर उत्तर प्रदेश के हजारों किसान दिल्ली बोर्डर पर डटे हुए हैं और दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे हैं। इसी बीच भारतीय रिजर्व बैंक ने देशभर के किसानों को बड़ी सौगात दे दी है।
दरअसल, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने हाल ही में अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में किसानों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की है। अब किसान बिना किसी गारंटी के 2 लाख रुपये तक का कृषि ऋण ले सकेंगे। पहले यह सीमा 1.6 लाख रुपये थी। यह फैसला बढ़ती महंगाई और कृषि लागत को देखते हुए लिया गया है।
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बताया कि इस फैसले से छोटे और सीमांत किसानों को सबसे ज्यादा लाभ होगा। इससे उन्हें कृषि कार्य के लिए आवश्यक धन आसानी से मिल सकेगा। आरबीआई ने 2010 में कृषि क्षेत्र को बिना किसी गारंटी के एक लाख रुपये देने की सीमा तय की थी, जिसे बाद में 2019 में बढ़ाकर 1.6 लाख रुपये कर दिया गया था।
आरबीआई ने लगातार 11वीं बार रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया है और इसे 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। हालांकि, अर्थव्यवस्था में नकदी बढ़ाने के लिए केंद्रीय बैंक ने कैश रिजर्व रेश्यो (सीआरआर) को 4.5 प्रतिशत से घटाकर 4 प्रतिशत कर दिया है। इस कदम से बैंकों के पास 1.16 लाख करोड़ रुपए की अतिरिक्त नकदी उपलब्ध होगी।
बता दें कि सीआरआर के तहत वाणिज्यिक बैंकों को अपनी जमा का एक निर्धारित हिस्सा नकद भंडार के रूप में केंद्रीय बैंक के पास रखना होता है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिए आर्थिक वृद्धि दर का अनुमान 7.2 प्रतिशत से घटाकर 6.6 प्रतिशत कर दिया है। इसके अलावा, चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति के अनुमान को भी 4.5 प्रतिशत से बढ़ाकर 4.8 प्रतिशत रहने का अनुमान जताया है।