आखिरकार मांझी ने तोड़ी चुप्पी, शायराना अंदाज में कहा..परदेश किस्मत में, वतन की याद क्या करना, जहां बेदर्द हाकिम हो, वहां फरियाद क्या करना.?

आखिरकार मांझी ने तोड़ी चुप्पी, शायराना अंदाज में कहा..परदेश किस्मत में, वतन की याद क्या करना, जहां बेदर्द हाकिम हो, वहां फरियाद क्या करना.?

PATNA: छपरा में जहरीली शराब से 75 लोगों की मौत का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। इस मुद्दे को लेकर बीजेपी ने सदन के अंदर और बाहर नीतीश सरकार को घेरने का काम किया। मृतक के परिजनों को मुआवजा दिये जाने की मांग कर रही हैं। महागठबंधन के सहयोगी दल हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा के संरक्षक जीतन राम मांझी से जब मुआवजे को लेकर सवाल पूछा गया कि आखिर कब तक चुप रहेंगे।


आप चुप हैं तो आपकी चुप्पी पर सवाल खड़े हो रहे हैं। जिसके बाद जीतन राम मांझी ने शायराना अंदाज में अपने ही सरकार पर शायरी करते हुए कहा कि लिखा परदेश किस्मत में, वतन की याद क्या करना, जहां बेदर्द हाकिम हो, वहां फरियाद क्या करना.?


जीतन राम मांझी क्या कहना चाहते हैं यह उनकी शायरी से ही पता लग गया। हालांकि इसके बाद उन्होंने छपरा शराबकांड की घटना पर अफसोस जताते हुए कहा कि यह घटना बहुत दुखद है। ऐसी घटना नहीं होनी चाहिए। बिहार सरकार सचेत है। 


उन्होंने कहा कि छपरा शराबकांड की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। अब तक कितने लोगों की जाने गयी है इसकी भी जांच की जा रही है। मुआवजा के सवाल पर जीतन राम मांझी ने चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि 2016 में भी गोपालगंज में इसी तरह की घटना हुई थी। उस वक्त मृतक के आश्रितों को मुआवजा मिला था। इस मामले में भी मुआवजा जरूर मिलनी चाहिए।