DESK : उत्तर प्रदेश के पूर्व सीएम और समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को शनिवार शाम अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा का न्योता मिल गया है। अखिलेश यादव ने खुद इसकी जानकारी दी है। इसके बाद उन्होंने अयोध्या में होने वाले कार्यक्रम में शामिल होने को लेकर अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी है। इसके साथ ही न्योता भेजे जाने के लिए अखिलेश यादव ने राम मंदिर ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय का धन्यवाद भी किया है।
न्योता मिलने के बाद अखिलेश यादव की ओर से बकायदा एक बयान जारी किया गया। सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर जारी बयान में अखिलेश यादव ने कहा है। श्रीराम जन्मभूमि मंदिर, अयोध्या के प्राण प्रतिष्ठा समारोह के स्नेह निमंत्रण के लिए धन्यवाद और समारोह के सकुशल संपन्न होने की हार्दिक शुभकामनाएं। हम प्राण प्रतिष्ठा के समारोह के पश्चात सपरिवार दर्शनार्थी बनकर अवश्य आएंगे। निमंत्रण के लिए फिर से धन्यवाद।
अखिलेश यादव ने साफ कर दिया है कि वो 22 जनवरी के कार्यक्रम में शामिल नहीं होंगे। हालांकि,इस कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार करने वालों में अखिलेश इकलौते नेता नहीं है। उनसे पहले कांग्रेस पार्टी ने भी प्राण प्रतिष्ठा समारोह को बीजेपी का कार्यक्रम बताते हुए कार्यक्रम में शामिल होने से इनकार कर दिया है। ऐसे में अब यह माना जा रहा है कि अखिलेश यादव भी इसे वर्तमान में भाजपा का कार्यक्रम मानकर चल रहे हैं। इस वजह से वो वर्तमान में कार्यक्रम में शामिल होना नहीं चाहते हैं।
मालूम हो कि, इससे पहले तो अखिलेश यादव को राम मंदिर कार्यक्रम का न्योता नहीं मिलने को लेकर सियासत गरमा गई थी। जिसके बाद विश्व हिंदू परिषद के नेता आलोक कुमार ने एक्स पर निमंत्रण और स्पीड पोस्ट रसीद शेयर कर बताया कि न्योता 10 जनवरी को भेजा गया है। आलोक कुमार ने कहा कि अखिलेश यादव का कहना है कि उन्हें अभी तक न्योता नहीं मिला है। इसके साथ-साथ उन्होंने यह भी कहा कि अगर उनको निमंत्रण पत्र के डिस्पैच होने का नंबर मिल जाता तो वो खुद ही ढुढंवा लेंगे। अखिलेश यादव जी को स्पीड पोस्ट से 10 जनवरी को भेजे गए निमंत्रण और स्पीड पोस्ट रसीद की प्रतिलिपि नीचे दे रहे है।
उधर, राम मंदिर ट्रस्ट की ओर से कांग्रेस पार्टी की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ-साथ पार्टी के मौजूदा अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे और लोकसभा में कांग्रेस के नेता अधीर रंजन चौधरी को न्योता भेजा गया था। न्योता मिलने के बाद कांग्रेस पार्टी ने कार्यक्रम को बीजेपी का राजनीतिक कार्यक्रम करार देते हुए शामिल होने से इनकार कर दिया।