राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का संसद में अभिभाषण शुरू, बोले- तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान दुर्भाग्यपूर्ण

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का संसद में अभिभाषण शुरू, बोले- तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान दुर्भाग्यपूर्ण

DESK : आज से संसद में बजट सत्र शुरू हो गया है. एक फरवरी को संसद में वित्त वर्ष 2021-22 का आम बजट पेश किया जाएगा. दो हिस्सों में चलने वाला बजट सत्र 8 अप्रैल तक चलेगा. 

बजट सत्र की शुरुआत के पहले दिन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद का संसद में अभिभाषण शुरू हो गया है. कोरोना महामारी के दौर में हो रहे इस सत्र को उन्होंने महत्वपूर्ण बताया है. राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा, ‘महामारी के खिलाफ इस लड़ाई में हमने अनेक देशवासियों को असमय खोया भी है. हम सभी के प्रिय और मेरे पूर्ववर्ती राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी का निधन भी कोरोना काल में हुआ. संसद के 6 सदस्य भी कोरोना की वजह से असमय हमें छोड़कर चले गए. मैं सभी के प्रति अपनी विनम्र श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं.मुझे संतोष है कि मेरी सरकार के समय पर लिए गए सटीक फैसलों से लाखों देशवासियों का जीवन बचा है. आज देश में कोरोना के नए मरीजों की संख्या भी तेजी से घट रही है और जो संक्रमण से ठीक हो चुके हैं उनकी संख्या भी बहुत अधिक है.’

इसके बाद राष्ट्रपति ने कहा कि पिछले दिनों हुआ तिरंगे और गणतंत्र दिवस जैसे पवित्र दिन का अपमान बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है. जो संविधान हमें अभिव्यक्ति की आजादी का अधिकार देता है, वही संविधान हमें सिखाता है कि कानून और नियम का भी उतनी ही गंभीरता से पालन करना चाहिए.  किसान आंदोलन को लेकर उन्होंने कहा कि तीन नए कृषि कानून बनने से पहले, पुरानी व्यवस्थाओं के तहत जो अधिकार थे तथा जो सुविधाएं थीं, उनमें कहीं कोई कमी नहीं की गई है. बल्कि इन कृषि सुधारों के जरिए सरकार ने किसानों को नई सुविधाएं उपलब्ध कराने के साथ-साथ नए अधिकार भी दिए हैं.