90 दिन घर में बंद रहने का दाग मिटाने को व्याकुल नीतीश कुमार, सड़क मार्ग से निकल गये मधुबनी, बाढ़ नियंत्रण के काम को देखेंगे

90 दिन घर में बंद रहने का दाग मिटाने को व्याकुल नीतीश कुमार, सड़क मार्ग से निकल गये मधुबनी, बाढ़ नियंत्रण के काम को देखेंगे

PATNA: कोरोना संकट के दौरान लगातार 90 दिन घऱ में बंद रहने का आरोप झेल रहे नीतीश कुमार अब दाग धोने निकले हैं. मुख्यमंत्री आज सड़क मार्ग से मधुबनी निकल गये. नीतीश कुमार वहां सरकारी काम का जायजा लेंगे.

संजय झा के साथ निकले नीतीश

आज 11 बजे नीतीश कुमार मधुबनी के लिए रवाना हो गये हैं. उनके साथ बिहार के जल संसाधन मंत्री संजय कुमार झा हैं. नीतीश का काफिला सड़क मार्ग से मधुबनी के जयनगर के लिए रवाना हुआ. सरकारी सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री नीतीश कुमार जयनगर और आस-पास के इलाके में कमला और कोसी नदी की बाढ़ से बचाव के लिए हो रहे काम का निरीक्षण करेंगे. वे मधुबनी जिले में दूसरी सरकारी योजनाओं की भी समीक्षा करेंगे. 

इससे पहले कल नीतीश ने पटना में बाढ़ से बचाव के लिए किये जा रहे काम की समीक्षा की थी. मुख्यमंत्री ने कोसी, कमला, गंडक समेत दूसरी नदियों से बाढ़ के खतरे को रोकने के लिए जल संसाधन विभाग द्वारा किये गये काम की समीक्षा की थी. उन्होंने नेपाल के इलाके में बाढ़ नियंत्रण के लिए होने वाले काम की भी समीक्षा की थी. दरअसल खबर आयी थी कि नेपाल क्षेत्र में पड़ने वाले गंडक बराज की मरम्मति के काम को नेपाल सरकार ने रोक दिया था. हालांकि बाद में नेपाल ने काम करने की मंजूरी दे दी थी. नीतीश ने इस बारे में विस्तृत जानकारी ली थी. 

क्या दाग धोने निकले हैं नीतीश

सरकारी सूत्र बताते हैं कि मधुबनी के जिस इलाके में नीतीश कुमार समीक्षा करने जा रहे वो कोई ऐसा इलाका नहीं है जहां बाढ़ का बहुत ज्यादा खतरा है. बाढ़ को लेकर ज्यादा संवेदनशील स्थिति वीरपुर में कोसी बराज और बाल्मिकी नगर में गंडक बराज के पास है. जहां नेपाल की ओर बाधा खड़ी की जा रही है. लेकिन नीतीश मधुबनी के जयनगर इलाके में जा रहे हैं.

जेडीयू के अंदर से जो खबरें आ रही है उसके मुताबिक नीतीश कुमार का मकसद बाढ़ नियंत्रण का काम देखना ही नहीं है बल्कि उस दाग को धोना है जो उनके उपर लगाया है. दरअसल नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी प्रसाद यादव समेत RJD के दूसरे नेताओं ने नीतीश के घर में बंद रहने पर ताबड़तोड हमला बोला था. तेजस्वी ने कहा था कि नीतीश देश के इकलौते मुख्यमंत्री हैं जो 90 दिनों से ज्यादा समय तक अपने घर से बाहर नहीं निकले. जो मुख्यमंत्री अपने घऱ से बाहर नहीं निकलेगा वह जनता का दर्द क्या समझेगा.



मधुबनी यात्रा का सियासी मकसद

नीतीश की मधुबनी यात्रा का सियासी मकसद भी बताया जा रहा है. दरअसल मधुबनी नीतीश कुमार के मजबूत पकड़ वाला इलाका माना जाता है. मधुबनी से लेकर आस-पास के इलाकों में अति पिछड़े वोट बैंक पर नीतीश की अच्छी पकड रही है. ऐसे में तीन महीने से भी ज्यादा समय के बाद बाहर निकले नीतीश अगर सबसे पहले मधुबनी जा रहे हैं तो उसका मकसद सियासी संदेश देना भी है.