DESK: जिन पेड़ों की उम्र 75 साल से अधिक हो गयी है वैसे करीब ढाई हजार वृक्षों को अब हरियाणा सरकार पेंशन देगी। प्राण वायु देवता पेंशन योजना के तहत इन बूढ़े वृक्षों के रखरखाव के लिए हर साल 2500 रुपये की राशि दिए जाने की घोषणा राज्य सरकार ने की है। यह पेंशन योजना आक्सी-वन परियोजना के अंतर्गत है। पेंशन के तौर पर ढाई हजार रुपये की राशि शहरी निकायों के माध्यम से दी जाएगी। यह राशि इन बूढ़े वृक्षों और आसपास की साफ-सफाई पर खर्च की जाएगी।
हरियाणा सरकार ऐसे वृक्षों को पेंशन के तौर पर ढाई हजार रुपया सलाना देगी। इस योजना का मुख्य उद्धेश्य ऑक्सीजन संकट को दूर करना है। इसके तहत पांच एकड़ से लेकर 100 एकड़ तक की भूमि में ऑक्सीजन-वन लगेंगे और प्रयोग के तौर पर करनाल की पुरानी बादशाही शहर के साथ-साथ 42 किलोमीटर की लम्बाई में लगभग 80 एकड़ भूमि की निशानदेही की गई है। इस प्रस्ताव ऑक्सी-वन को अलग-अलग नामों वाले क्षेत्रों में बांटा जाए।
‘चित्त वन’, ‘पाखी वन’, ‘अंतरिक्ष वन’, ‘तपोवन’, ‘आरोग्य वन’, ‘स्मरण वन’ और ‘सुगंध सुवास वन’ इन क्षेत्रों के नाम होंगे। इस परियोजना के लिए पहले चरण में पांच करोड़ रुपये रखे गए हैं। ‘चित्त-वन’ में कचनार, अमलताश, सेमल, सीता-अशोक, जावा, कैसिया, लाल गुलमोहर, स्वर्ण वर्षा और पैशन फ्लावर जैसे पौधे लगाए जाएंगे।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि ‘प्राणवायु देवता पेंशन’ योजना एक अनूठी और भारत में अपनी तरह की पहली योजना होगी। इस योजना के तहत राज्य सरकार ने उन सभी पेड़ों को सम्मानित करने की पहल की है जो 75 वर्ष या उससे अधिक आयु के हैं। जिन्होंने जीवन भर ऑक्सीजन का उत्पादन करके प्रदूषण को कम करने, छाया प्रदान करके मानवता की सेवा की है। राज्य भर में ऐसे पेड़ों को चिन्हित किया जाएगा और वृक्षों की देखभाल के लिए स्थानीय लोगों को भी इस योजना में शामिल किया जाएगा।