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शाह से शंखनाद का मकसद, BJP में पैचवर्क है बड़ी चुनौती

1st Bihar Published by: Updated Fri, 05 Jun 2020 11:13:16 AM IST

शाह से शंखनाद का मकसद, BJP में पैचवर्क है बड़ी चुनौती

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PATNA : बिहार विधानसभा के लिए भारतीय जनता पार्टी के चुनाव अभियान की शुरुआत केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह करने वाले हैं. शाह का शंखनाद बिहार में पार्टी के लिए खास अहमियत रखता है. यही वजह है कि पार्टी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा की बजाय शंखनाद के लिए शाह को चुना है. फर्स्ट बिहार के पास शाह के शंखनाद को लेकर बीजेपी की रणनीति से जुड़े अहम जानकारी है. 

जन संवाद रैली करेंगे शाह

7 जून को शाम 4 बजे केंद्रीय गृह मंत्री अमित बिहार जन संवाद रैली को संबोधित करेंगे. हालांकि शाह की रैली वर्चुअल होगी लेकिन बावजूद इसके पार्टी ने रैली को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है. बिहार बीजेपी के प्रभारी भूपेंद्र यादव गुरुवार को ही पटना पहुंच चुके हैं. भाजपा राष्ट्रीय कार्यकारिणी के संगठन मंत्री व भाजयुमो प्रभारी बीएल संतोष आने वाले हैं. भूपेंद्र यादव ताकि वर्चुअल रैली तक पटना में बने रहेंगे आज और कल दो दिनों तक वह पार्टी के नेताओं और अलग-अलग संगठनों के साथ बैठक करने वाले हैं. वर्चुअल रैली को सफल बनाने के लिए बीजेपी ने प्रदेश स्तर से नेताओं की टीम जिलों में भेजी है यह टीम मोदी सरकार के 1 साल के कामकाज का लेखा-जोखा जिलों में जाकर बता रही है. मकसद साफ है कि शाह की रैली किसी भी कीमत पर सफल हो वर्चुअल ही सही लेकिन बीजेपी आंकड़े जारी कर यह बता सके कि केंद्रीय गृह मंत्री की रैली में कितने लोग शामिल हुए.



शाह से कार्यकर्ता प्रभावित

अमित शाह की रैली से जुड़ी तैयारियों के अलावे सबसे बड़ा सवाल यह है कि आखिर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष की बजाय चुनावी शंखनाद के लिए शाह को ही क्यों चुना गया बीजेपी के अंदरूनी सूत्र बता रहे हैं कि शाह की सक्सेस स्टोरी बिहार इन्हीं देशभर में पार्टी के साथ जुड़े कार्यकर्ताओं को प्रभावित करती है. गुजरात की राजनीति से निकलकर शाह ने जिस तरह केंद्रीय राजनीति में कदम रखा पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर उनका कामकाज और उसके बाद केंद्रीय गृह मंत्री के तौर पर 1 साल के अंदर उनकी कार्यशैली से पार्टी का हर छोटा-बड़ा नेता कार्यकर्ता प्रभावित हुआ है. धारा 370 से लेकर सीएएए के मुद्दे पर जिस तरह शाह ने रणनीतिक तौर पर सफलता पाई संसद में अपने संबोधन से विरोधियों को चित कर दिया यह सारी बातें बीजेपी से जुड़े कार्यकर्ताओं को प्रभावित करती है.

बीजेपी के कार्यकर्ता संतुष्ट नहीं

 बिहार में बीजेपी भले ही सत्ता में हो लेकिन पार्टी के निचले स्तर के कार्यकर्ता सरकार के कामकाज से संतुष्ट नहीं है ऐसे में उनकी नाराजगी को दूर करने के लिए साहस सबसे बेहतरीन विकल्प है केंद्रीय नेतृत्व से लेकर बिहार बीजेपी का हर नेता इस बात को मानता है कि अगर पार्टी के कार्यकर्ताओं के बीच बड़ी नाराजगी को खत्म करना है तो अमित शाह से बेहतर चेहरा इसके लिए पार्टी के पास नहीं है जय है संगठन में पैच वर्क के लिए शाह को शंखनाद का जिम्मा दिया गया है अब अमित शाह के कंधों पर यह जिम्मेदारी है कि वह सरकार की खामियों और सरकार में पार्टी के कैडर की उपेक्षा के बावजूद कैसे कार्यकर्ताओं के मनोबल को ऊपर ले जाते हैं हालांकि खुद अमित शाह के ट्रैक रिकॉर्ड को देखते हुए यह काम उनके लिहाज से बहुत मुश्किल नहीं जान पड़ता बावजूद इसके इंतजार 7 जून का है जब सा बिहार में चुनावी शंखनाद करेंगे