60/40 नियोजन नीति के खिलाफ झारखंड बंद आज, स्कूलों में भी छुट्टी, 1000 पुलिसकर्मियों की तैनाती

60/40 नियोजन नीति के खिलाफ झारखंड बंद आज, स्कूलों में भी छुट्टी, 1000 पुलिसकर्मियों की तैनाती

RANCHI : झारखंड में पिछले कुछ दिनों से  60/40 वाली नियोजन नीति को लेकर काफी विरोध जारी है। इस बीच आज इस इस नियोजन निति को लेकर झारखंड बंद बुलाया गया है। यह बंद झारखंड यूथ एसोसिएशन के तरफ से बुलाया गया है। वही, बंद को देखते हुए राजधानी रांची में लगभग एक हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। इनमें रैपिड एक्शन फोर्स (रैफ) की दो कंपनी, रैपिड एक्शन पुलिस (रैप), क्यूआरटी, इको, महिला पुलिस व जिला पुलिस के हथियारबंद व लाठी पार्टी शामिल हैं। इनलोगों को सुबह से ही गश्त करने का निर्देश दिया है। 


दरअसल, इससे पहले नियोजन नीति और बेरोजगारी के खिलाफ 9 अप्रैल को छात्र संगठनों ने रांची यूनिवर्सिटी से लेकर अल्बर्ट एक्का चौक तक मशाल जुलूस भी निकाला था। छात्रों द्वारा बुलाए गए बंद के मद्देनजर, राजधानी रांची में अधिकांश स्कूलों को बंद रखने का फैसला किया गया है ताकि छात्रों की परेशानी ना हो। इसके आलावा छात्र संगठनों ने जानकारी देते हुए बताया कि खतियान आधारित नियोजन नीति की मांग को लेकर ही झारखंड बंद का आह्वान किया गया है। 


इसके साथ ही छात्रनेता शफी इमाम ने कहा कि झारखंड के दिवंगत शिक्षा मंत्री का सपना 1932 का खतियान था। उसे पूरा किया जाएगा। सरकार गठन को 4 साल बीतने जा रहे हैं लेकिन अभी तक खतियान आधारित स्थानीयता और नियोजन नीति का वादा पूरा नहीं किया गया। इसी को लेकर हमलोग सरकारका विरोध कर रहे है। 


वहीं, झारखंड बंद के तहत आयोजित कार्यक्रमों की बात की जाए तो राजधानी रांची सहित सभी जिलों में सोमवार को सुबह 9 बजे से दोपहर 2 बजे तक शांतिपूर्ण प्रदर्शन होगा। इस बंद को झारखंड उलगुलान मार्च, पंचपरगना फाइटर, आदिवासी छात्र संघ, आमया और आदिवासी-मूलवासी संगठनों का समर्थन प्राप्त है। पहले, आदिवासी सेंगेल अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने भी बंद का समर्थन करने का ऐलान किया था लेकिन बाद में वापस लिया। 


आपको बताते चलें कि, हेमंत सोरेन सरकार द्वारा लाई गई नई नियोजन नीति के विरोध में यह बंद बुलाया गया है। इससे पहले संताल परगना के सभी 6 जिलों में भी व्यापक विरोध प्रदर्शन किया गया था। संताल परगना में भी मशाल जुलूस और बंद का आह्वान किया गया था। छात्रों की मांग है कि खतियान आधारित स्थानीय नीति बनाई जाए।