VAISHALI: भगवत गीता में इस बात का जिक्र है कि 'कर्म करो और फल की चिंता मत करो'। फल की इच्छा रखते हुए भी कोई काम मत करो। जब इच्छित फल की हमें प्राप्ति नहीं होती है तो हमें दुख होता है। अतः सुखी रहना है तो सिर्फ कर्म करो और वह भी निष्काम भाव से करो। शायद यही बात सोचकर रेणू देवी ने अपना कर्म किया और फल की चिंता नहीं की। इसी का नतीजा है कि आज 14 साल बाद रेणू को इसका फल प्राप्त हुआ। 50 साल की दादी अम्मा बिहार पुलिस में सिपाही बन गयी है। वर्दी पहनने का सपना रेणू का आज पूरा हो गया है। 14 साल बाद बिहार पुलिस में उसकी बहाली हुई है। बेटे-बहू और पोते के सामने पहली बार वर्दी पहनकर वह ड्यूटी पर निकली।
बिहार के हाजीपुर में दिलचस्प नजारा देखने को मिला। जब पुलिस में बहाल नए रंगरूटों के बीच एक दादी अम्मा पुलिस वर्दी में नजर आई। दरअसल हाजीपुर पुलिस लाइन में आज होमगॉर्ड के नए बहाल रंगरूटों की पहली परेड थी। पुलिस की नौकरी में नए बहाल 240 जवानों को पहली बार वर्दी मिली और जवानों ने अपने हथियार के साथ पारण परेड में हिस्सा लिया। हाजीपुर पुलिस लाइन में जिले में बहाल होमगॉर्ड जवानो की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद और पुलिस वर्दी में ड्यूटी पर जाने से पहले एक समारोह का आयोजन किया गया था।लेकिन इस समारोह में एक दादी अम्मा चर्चा का केंद्र बनी हुई थी जो अपने बेटे-बहू और पोते के साथ पहुंची थी।
हाजीपुर की 49 वर्षीय रेणू इस उम्र में पुलिस में बहाल हुई है। महिला कॉन्स्टेबल रेणू की शादी करीब 25 साल पहले 1990 में हुई थी। शादी के बाद 3 बच्चे हुए लेकिन रेणु के अंदर नौकरी करने का जज्बा बाकी था। वह इस उम्मीद पर जिन्दगी काट रही थी कि किस्मत में सिपाही बनना होगा तो आज ना तो बिहान हो जाएगा। 2009 में जिले में होमगॉर्ड जवान की बहाली निकली थी। रेणू ने आवेदन फॉर्म को भर दिया था। बहाली में देर होते-होते 2023 आ गया। इसी बीच रेणू ने अपने तीनों बेटों की शादी भी कर दी और बेटों के बच्चों की दादी बन गई।
इस लम्बे वक्त और उम्र के इस पड़ाव की परवाह ना कर रेणू ने अपने जज्बे को ज़िंदा रखा और 2023 में हो रहे बहाली के लिए तैयार होकर ट्रेनिंग पूरी की। आखिरकार अब उसकी बहाली बिहार पुलिस में हो गयी है। पुलिस की वर्दी पहनने का सपना 14 साल बाद पूरा हो गया है। इस सफलता से रेणू, उनकी बहू, बच्चे काफी खूश हैं। इलाके के लोगों को जब पता चला की रेणू पुलिस बन गयी है तो कई लोगों को तो विश्वास तक नहीं हो रहा है। लेकिन परिवार के सदस्यों को जैसे जैसे इस बात की जानकारी हो रही है वो रेणू को बधाई देने पहुंचे रहे हैं तो कई तो मोबाइल पर बात करके रेणू को बधाई दे रहे हैं।