3 अधिकारी और 13 शिक्षक सस्पेंड, कॉलेज में मैडम के साथ सपना चौधरी के गाने पर लगा रहे थे ठुमका

3 अधिकारी और 13 शिक्षक सस्पेंड, कॉलेज में मैडम के साथ सपना चौधरी के गाने पर लगा रहे थे ठुमका

CHHAPRA : भारत के प्रथम राष्ट्रपति और देशरत्न डॉ राजेंद्र प्रसाद की जयंती पर आयोजित एक कार्यक्रम में छपरा के राजेंद्र कॉलेज में सपना चौधरी के गाने पर ठुमका लगाने को लेकर राजभवन ने बड़ा एक्शन लिया है. इस मामले में 3 अधिकारी जयप्रकाश विश्वविद्यालय के पूर्व उप कुलपति, डीएसडब्लू, प्रॉक्टर, प्रिंसिपल और 13 शिक्षकों को सस्पेंड कर दिया गया है. महिला शिक्षकों के खिलाफ भी निलंबन की कार्रवाई की गई है.


राजभवन से मिले निर्देश पर विश्वविद्यालय प्रशासन ने कार्रवाई से संबंधित नोटिफिकेशन जारी किया है. इसमें राजेंद्र कॉलेज के तत्कालीन प्राचार्य और वर्तमान में नारायण कॉलेज गोरियाकोठी के प्राचार्य डॉ प्रमेंद्र रंजन सिंह, राजेंद्र कॉलेज के सहायक प्राध्यापक डॉ विवेक तिवारी, डॉ रूपा मुखर्जी, डॉ तनु गुप्ता, डॉ तनुका चटर्जी, डॉ बथियार, डॉ अब्दुल रशीद, डॉ रिचा मिश्रा, डॉ रमेश कुमार, डॉ गोपाल कुमार सहनी, डॉ इकबाल जफर अंसारी, डॉ रामानुज यादव और डॉ सहदाब हाशमी को सस्पेंड किया गया है.


दरअसल बीते 3 दिसंबर को राजेंद्र प्रसाद जयंती पर छपरा के राजेंद्र कॉलेज में कार्यक्रम आयोजित किया गया था. उस दिन यह कार्यक्रम में जैसे-जैसे समापन की ओर बढ़ा, वहां मौजूद शिक्षक-शिक्षिका अपनी मर्यादा भूल गए. अपनी गरिमा को भूलकर शिक्षक, शिक्षिका और अन्य अधिकारी स्टेज पर चढ़कर डांस करने लगे. देखते ही देखते शिक्षकशिक्षिका स्टेज पर सपना चौधरी के गाने पर डांस करने लगे. शिक्षक और कॉलेज के वरिष्ठों को झुमता देख छात्र भी खुद को नहीं रोक पाए थे और वे भी स्टेज पर चढ़ गए. 


इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद राज्यपाल सह कुलाधिपति फागू चौहान ने पटना विश्वविद्यालय और ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा के कुलपति को जांच का जिम्मा सौंपा गया. राजभवन की ओर से इस बाबत 7 दिसंबर को पत्र जारी किया गया. इस घटना को कुलाधिपति ने गंभीरता से लेते हुए कहा है कि संपूर्ण घटना की जांच कर घटना में शामिल दोषी पदाधिकारियों और कर्मियों को चिह्नित कर अपना जांच-प्रतिवेदन दो दिनों के अंदर राज्यपाल सचिवालय को सौंपा जाए. 


इस अवधि में प्राचार्य प्रमेंद्र का मुख्यालय प्रतिकुलपति कार्यालय में बनाया गया. वहीं, अन्य प्राध्यापकों का अलग-अलग कॉलेज में मुख्यालय तय किया गया. वहीं, इस पूरे प्रकरण की जांच के लिए कुलपति की ओर से बनायी गयी कमेटी के तीन सदस्यों को भी सस्पेंड करते हुए उन्हें विवि में रिपोर्ट करने का निर्देश दिया गया है. इस कार्यक्रम में कुलपति समेत विवि व महाविद्यालय के शिक्षक और कई अतिथि भी शामिल हुए थे.