24 साल बाद पीड़ित परिवार को नहीं मिला मुआवजा, DM ऑफिस को नीलाम करने का कोर्ट ने दिया आदेश

24 साल बाद पीड़ित परिवार को नहीं मिला मुआवजा, DM ऑफिस को नीलाम करने का कोर्ट ने दिया आदेश

VAISHALI: सड़क हादसे में मौत के बाद पीड़ित परिवार को मुआवजा देने में देरी से नाराज वैशाली कोर्ट ने DM ऑफिस को नीलाम करने का आदेश जारी किया। दरअसल पिछले 24 साल से कोर्ट में लटके मामले और पीड़ित पक्ष को मुआवजा देने के आदेश के बाद मुआवजा देने में देरी से नाराज कोर्ट ने सरकार की सम्पति नीलाम करने का फरमान सुना दिया। आदेश में वैशाली DM के सरकारी कार्यालय सहित समाहरणालय को नीलाम करने का आदेश जारी किया।


दरअसल यह मामला 2000 का है जब सड़क हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गयी थी। मौत के बाद मुआवजा नहीं मिला। जिसके बाद पीड़ित परिवार ने कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। बिद्दूपुर थाने के चकसिकन्दर में सरकारी रोड रोलर से हुए हादसे में फैज खलीफा नामक व्यक्ति की मौत हो गई थी। घटना के बाद मुआवजे को लेकर वैशाली कोर्ट में केस दर्ज किया गया था। 04 सितंबर 2019 को क्लेम कोर्ट ने 2 महीने के अंदर पीड़ित पक्ष को 08 लाख 10 हजार 840 रुपये मुआवजा देने का फैसला सुनाया था। राज्य सरकार को मुआवजा देना था लेकिन वर्षों गुजर जाने के बाद भी पीड़ित पक्ष को मुआवजा नहीं मिला। 


पीड़ित पक्ष ने मुआवजा नहीं मिलने और देरी की शिकायत कोर्ट से की। जिसके बाद कोर्ट ने सरकार की संपत्ति नीलाम कर मुआवजे की रकम पीड़ित पक्ष को देने का फैसला सुनाया। नीलामी की प्रक्रिया शुरू करने के लिए DM ऑफिस की नीलामी का इश्तेहार थमा दिया गया। जिला प्रशासन को थमाए गए नीलामी इश्तेहार में कोर्ट ने अगले आदेश तक DM ऑफिस और कार्यालय की किसी भी संपत्ति की खरीद बिक्री पर रोक लगा दी है।   


पीड़ित पक्ष के वकील अविनीश कुमार ने बताया की कोर्ट ने अपने नीलामी वाले इश्तेहार में प्रशासन को सूद समेत मुआवजे की रकम आदायगी का आदेश दिया गया है और इस मामले में अगले 18 मई को जवाब प्रस्तुत करने का समय दिया गया है। जिसके बाद कोर्ट नीलामी की प्रक्रिया शुरू करेगी। सरकारी कार्यों में लेटलतीफी और लालफीताशाही की कहानी कोई नई बात नहीं है। नई बात तो लापरवाह अधिकारियों पर कोर्ट का यह सख्त फैसला है।