PATNA : बिहार विधानसभा चुनाव से पहले सूबे की सियासी जंग तेज हो चली है। सत्ताधारी जेडीयू और मुख्य विपक्षी पार्टी आरजेडी की तरफ से आने वाले बयानों सें यह संकेत मिलते रहे हैं कि 2020 की लड़ाई 15 साल बनाम 15 साल हीं होने वाली है। अक्सर सीएम नीतीश कुमार जब अपनी उपलब्धियों का जिक्र करते हैं तो इन संकेतों को और मजबूत कर देते हैं। सीएम नीतीश कुमार ने आज वीडियो काॅन्फ्रेन्सिंग के माध्यम से कई जिलों के 3304 स्कूल भवनों का उद्घाटन किया। इस कार्यक्रम के संबोधन में भी सीएम 2005 से पहले की स्थिति का जिक्र करना नहीं भूले।
सीएम ने 2005 और 2020 के बीच शिक्षा का बजट और शिक्षा की स्थिति की चर्चा की। वहीं शिक्षा को लेकर सीएम नीतीश कुमार की उपलब्धियों का बखान डिप्टी सीएम सुशील कुमार मोदी ने भी किया। डिप्टी सीएम ने कहा कि शिक्षकों के हड़ताल पर जाने के बाद सीएम ने कहा था कि हमहीं आपकी मांग को पूरा करेंगे और आपने अपना वादा निभाया आपने शिक्षकों की मांग पूरी की।
डिप्टी सीएम ने कहा कि शिक्षकों के वेतनमान में 20 प्रतिशत की वृद्धि की। दो हजार 765 करोड़ रूपये सरकार को ज्यादा व्यय करते रहेंगे। 23 हजार करोड़ सरकार शिक्षकों के पेंशन और वेतन पर खर्च करती है। अगर उसमें 2 हजार 765 करोड़ खर्च कर दें तो लगभग 25 हजार करोड़ खर्च होगा।सरकार 2136 करोड़ रूपया मिडडे मिल पर खर्च कर रही है।