17 जुलाई को पटना के नृत्य कला मंदिर में महफिल-ए-मुशायरा का होगा आयोजन, प्रसिद्ध शायर माधव नूर पेश करेंगे अपनी शायरी

17 जुलाई को पटना के नृत्य कला मंदिर में महफिल-ए-मुशायरा का होगा आयोजन, प्रसिद्ध शायर माधव नूर पेश करेंगे अपनी शायरी

PATNA: राजधानी पटना के फ्रेजर रोड स्थित भारतीय नृत्य कला मंदिर सभागार में 17 जुलाई को महफिल-ए मुशायरा होने जा रहा है। इसमें देश और विदेश से 10 चर्चित शायर शिरकत करेंगे। इस मुशायरे का आयोजन दुबई की साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था नविशता द्वारा पटना लिटरेरी फेस्टिवल के साथ मिलकर किया जा रहा है।


महफिल-ए-मुशायरा में शिरकत करने वाले प्रसिद्ध शायर माधव नूर ने बताया कि पटना साहित्य और संस्कृति की धरती है। यह देश का ऐतिहासिक शहर है। यहां एक से बढ़कर एक शायर हुए हैं। उर्दू साहित्य के विकास में पटना का खास योगदान रहा है। ऐसे में एक बार फिर से अदब और तहजीब की महफिल जमेगी। इससे शहर में साहित्यिक माहौल कायम करने में मदद मिलेगी। उन्होंने बताया कि पटना आने की मुझे बेहद खुशी है।


माधव नूर ने बताया कि मुझे शायरी का शौक पुरानी हिन्दी फिल्मों में उर्दू के शब्दों को सुनकर हुआ। उर्दू के ये शब्द बेहद पसंद आते थे। इन्हें जानने समझने के बाद उर्दू शायरी और गजलों को पढ़ने लगा। मिर्जा गालिब, दाग देहलवी, मीर तकी मीर जैसे उर्दू के क्लासिकल शायरों को पढ़ने के बाद शायरी से मोहब्बत ही हो गई। 


माधव नूर कहते हैं कि नविशता संस्था की नींव हम चार लोगों ने आहया भोजपुरी के नेतृत्व में रखी थी। दुबई से हमने इसकी शुरुआत की थी। तब कोरोना काल चल रहा था इसलिए आनलाइन मुशायरा का आयोजन करवाया गया। अब जब कोरोना का खतरा कम हो गया है तो पटना में अब महफिल ए मुशायरा का आयोजन किया जा रहा है। इसके पीछे नविशता का मकसद है कि उर्दू की संजीदा शायरी को बढ़ावा दिया जाए और अच्छे शायरों को एक बेहतर प्लेटफार्म मुहैया करवाया जाए। 


माधव नूर की शायरी

 ऽ    इक इलाही, नूर माधव, देखता है हर जगह

        और होता जा रहा है मुत्तफिक तौहीद से

ऽ    मिले तो मुझको मुकम्मल मिले तेरी दुनिया

        वरना मेरे लिए और काईनात बने


इस मुशायरे के बारे में जानकारी देते हुए नविशता के सचिव अहया भोजपुरी ने कहा कि इस मुशायरे का आयोजन दुबई की साहित्यिक और सांस्कृतिक संस्था नविशता द्वारा पटना लिटरेरी फेस्टिवल के साथ मिलकर किया जा रहा है। इसमें देश- विदेश के 10 नामचीन शायर शिरकत करेंगे। ये उर्दू शायरी के विविध रंगों को पेश कर इस शाम को यादगार बना देंगे। इन शायरों में शबीना अदीब, शकील आजमी, आलम खुर्शीद, अज्म शाकिरी, अजहर इकबाल, सपना मूलचंदानी, सरवर नेपाली, माधव नूर, प्रेरणा प्रताप, अहया भोजपुरी शामिल हैं।


पटना लिटरेरी फेस्टिवल के सचिव खुर्शीद अहमद ने बताया कि उर्दू अदब और शायरी से मोहब्बत करने वाले श्रोताओं के लिए यह एक बेहतरीन मुशायरा होगा। इसमें एक ही मंच पर 10 दिग्गज और मशहूर शायरों को सुनने का मौका मिलेगा। इस कार्यक्रम में इंट्री आमंत्रण पत्र या पास के आधार पर होगी। पटना लिटरेरी फेस्टिवल पिछले 3 सालों से लगातार उर्दू अदब और तहजीब पर काम कर रही है। पी.एल.एफ. अब तक लाइव और वर्चूअल मिलाकर लगभग 10 प्रोग्राम करवा चुकी है। जिसमें देश-विदेश के लगभग 30 से 40 शायर भाग ले चुके हैं। जिनमें फरहत शहजाद, ए.एम. तुराज, मनोज मुंतशिर, मुनव्वर राणा, शबीना अदीब, राधिका चोपड़ा, मंसुर उस्मानी सहित कई शायर शामिल थें।