झारखंड में चंपाई सोरेन सरकार का पहला कैबिनेट विस्तार 16 फरवरी को होगा। सूचना के मुताबिक, इस दिन झामुमो और कांग्रेस कोटा से चार-चार मंत्री शपथ ले सकते हैं। हालांकि, मंत्री पद को लेकर सत्ता पक्ष के अंदर की राजनीति गरम है। झामुमो-कांग्रेस में मंत्री पद के कई दावेदार हैं। इन सबके बीच चंपाई सोरेन सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के छोटे भाई बसंत सोरेन का शामिल होना लगभग तय है।
वहीं, शिबू सोरेन परिवार से किसी एक को ही कैबिनेट में जगह मिल पायेगी। ऐसे में राजनीतिक गलियारे में चर्चा है कि जामा विधायक व स्व दुर्गा सोरेन की पत्नी सीता सोरेन का कैबिनेट में जगह मिलेगी या नहीं इसको एकर संशय की स्थिति है। हालांकि,सीता सोरेन ने विधानसभा में पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि उनको बाबा (शिबू सोरेन) का आशीर्वाद मिल गया है।
इसके साथ ही झामुमो के अंदर मंत्री पद के कई दावेदार बताये जा रहे हैं। झामुमो खेमा यह मान कर चला जा रहा है कि हेमंत सोरेन सरकार में मंत्री रहे जोबा मांझी और मिथिलेश ठाकुर की कुर्सी सुरक्षित है। हफिजुल अंसारी भी शेफ साइड में बताये जा रहे हैं। झामुमो के अंदर एक नये चेहरे में बैद्यनाथ राम, मंगल कालिंदी और सुदिव्य सोनू का नाम चल रहा है।
उधर, कांग्रेस कोटे से हेमंत सोरेन सरकार में वित्त मंत्री रहे रामेश्वर उरांव का ड्रॉप होना तय माना जा रहा है। कृषि मंत्री बादल पत्रलेख और स्वास्थ्य मंत्री बन्ना गुप्ता पर भी तलवार लटक रही है। कांग्रेस सूत्रों का कहना है कि अगर कांग्रेस में एक मंत्री हटे, तो बाकी का भी पत्ता साफ हो सकता है। हालांकि, बादल पत्रलेख और बन्ना गुप्ता ने अपनी कुर्सी बचाने के लिए काफी जोर लगाया है। आलाकमान की मेहरबानी हुई, तो इनकाे मंत्री पद फिर से मिल सकता है। कांग्रेस के अंदर विधायक प्रदीप यादव, दीपिका पांडेय, रामचंद्र सिंह, भूषण बाड़ा का नाम आगे चल रहा है।
आपको बताते चलें कि, राज्य सरकार ने पहले कैबिनेट विस्तार को लेकर राजभवन से आठ फरवरी को शपथ ग्रहण समारोह कराने का आग्रह किया था। इसके लिए तैयारियां भी शुरू हो गयी थीं, लेकिन दो घंटे बाद ही सरकार ने राजभवन से पुन: आग्रह किया कि पूर्व के समारोह को स्थगित करते हुए 16 फरवरी की तिथि निर्धारित की जाये। इस बाबत जानकारी देते हुए संसदीय कार्यमंत्री आलम ने बताया कि शपथ ग्रहण को लेकर पार्टी की ओर से कहा गया कि थोड़ी मोहलत दी जाये। 12 फरवरी तक राज्यपाल बाहर हैं। 13 को शपथ ग्रहण संभव नहीं था। 14 व 15 फरवरी को राहुल गांधी के दूसरे चरण की भारत जोड़ो न्याय यात्रा है। इस यात्रा को लेकर पार्टी व कार्यकर्ता व्यस्त रहेंगे। इस कारण शपथ ग्रहण समारोह की तिथि 16 फरवरी तय की गयी है।