15 लाख के इनामी दुर्योधन ने किया सरेंडर, पुलिस टीम पर हमला कर कई पुलिसकर्मियों की ली थी जान

15 लाख के इनामी दुर्योधन ने किया सरेंडर, पुलिस टीम पर हमला कर कई पुलिसकर्मियों की ली थी जान

RANCHI: झारखंड सरकार के आत्मसमर्पण और पुर्नवास नीति के तहत शुक्रवार को 15 लाख के इनामी नक्सली मिथलेश सिंह उर्फ दुर्योधन महतो ने रांची आईजी और पुलिस के आलाधिकारियों के सामने सरेंडर कर दिया। आत्मसमर्पण के बाद दुर्योधन महतो ने कहा कि संगठन अपने लाइन और नीति से भटक गई है, युवाओं को भी अब संगठन छोड़ देना चाहिए और आत्मसर्मण कर देना चाहिए।

 इस मौके पर पुलिस के आलाधिकारियों ने कहा कि पूरे प्रदेश में नक्सल समाप्ति की ओर है। पारसनाथ, लातेहार, लोहदग्गा और गुमला में माओवादियों की गतिविधि को बहुत हद तक नियंत्रित कर दिया गया है अब उनका क्षेत्र काफी सीमित हो गया है। 


पिछले तीन सालों में राज्य पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बल द्वारा पूरे राज्य में नक्सल के खिलाफ विशेष अभियान चलाया गया है। इन दौरान 1300 से ज्यादा माओवादियों को इस दौरान गिरफ्तार किया गया है जिसमें कई माओवादी कमांडर और जोनल कमांडर भी है। करीब 50 से ज्यादा माओवादियों ने झारखंड पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों के सामने आत्मसमर्पण किया है इसके साथ ही 31 माओवादियों को मुठभेड़ के दौरान मार गिराया गया है। इन पूरे अभियान की वजह से माओवादियों का क्षेत्र काफी सीमित हो गया है। चाहे बुढ़ा पहाड़ हो, कोल्हान, खूंटी, चाईबासा का इलाका हो इसमें माओवादियों का क्षेत्र सिमट गया है।दुर्योधन महतो 100 से ज्यादा कांडो में मुख्य अभियुक्ति था, पारसनाथ, झुमरा पहाड़ इलाके में मुख्य कमांडर के वो काम कर रहा था। 


गिरिडीह, हजारीबाग, चतरा और अन्य जिलों में वो कई कांडो में वांछित था, 2013 में जेल से छुटने के बाद वो एक बार फिर माओवादी संगठन से जुड़ गया था। उसने पहली बड़ी घटना 1998 चुनाव के दौरान की थी , जिसमें उसने झुमरा पहाड़ पर बारूदी सुरंग विस्फोट कर कई पुलिसकर्मियों की जान ले ली थी। 2001 में लुगु पहाड़ी पर पुलिस गस्ती पर हमला किया था जिसमें एक पुलिस हवलदार शहीद हो गए थे। 


2003 में चंद्रपुरा रेलवे स्टेशन पर पुलिस थाने पर हमला बोलकर 20 से ज्यादा पुलिस राइफल लूट ली थी। 2022 में उसने आखरी बड़ी घटना को अंजाम दिया था जिसमें उसने लुगुपहाड़ी के समीप डाकासाडम गांव में पुलिस पार्टी पर जान मारने की नियत से फायरिंग की थी।