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Art of living :आर्ट ऑफ लिविंग को समझें और अपनी खुशियों को करें दोगुना!

Art of living : अच्छा और बुरा हमेशा सापेक्ष होते हैं। आर्ट ऑफ लिविंग का मूल सिद्धांत यही है कि विरोधी तत्व एक-दूसरे के पूरक होते हैं। जीवन में कुछ भी पूरी तरह अच्छा या पूरी तरह बुरा नहीं होता, यह परिस्थितियों और दृष्टिकोण पर निर्भर करता है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 30 Mar 2025 03:51:41 PM IST

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प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google

Art of living : जागरूकता, संतुलन और प्रसन्नता के साथ जीना ही सच्चे अर्थों में आर्ट ऑफ लिविंग कहलाता है। जब हम प्रत्येक क्षण को खुले विचारों और सकारात्मक दृष्टिकोण के साथ अपनाते हैं, तभी हम वास्तविक आनंद का अनुभव कर सकते हैं।


सुदर्शन क्रिया: मानसिक संतुलन की कुंजी

आर्ट ऑफ लिविंग में सुदर्शन क्रिया को एक प्रभावी तकनीक माना जाता है, जो श्वास प्रक्रियाओं के माध्यम से मन और शरीर को शुद्ध करने में सहायक होती है। इस पद्धति को अपनाने से न केवल तनाव कम होता है, बल्कि मानसिक स्पष्टता और सकारात्मक ऊर्जा का भी विकास होता है।

सही और गलत का दृष्टिकोण

जीवन में सही या गलत का निर्धारण हमारी सोच और नजरिए पर निर्भर करता है। यदि हम परिस्थितियों को खुले मन से स्वीकार करें, तो उनमें छिपे अवसरों को देख पाना संभव हो जाता है। अच्छा और बुरा सापेक्ष होते हैं। आर्ट ऑफ लिविंग का पहला सिद्धांत यही है कि विपरीत तत्व एक-दूसरे के पूरक होते हैं। इस संसार में कुछ भी पूर्णतः अच्छा या बुरा नहीं होता। उदाहरण के लिए, दूध सेहत के लिए लाभदायक है, लेकिन कुछ परिस्थितियों में यह नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसी तरह, जहर सामान्य रूप से खतरनाक माना जाता है, लेकिन कई बार यही जीवन बचाने वाली औषधि बन जाता है। वास्तव में, अधिकतर जीवनरक्षक दवाएं अपने मूल रूप में जहरीली होती हैं। इसलिए, अच्छा और बुरा केवल परिस्थितियों पर निर्भर करते हैं। सत्य की प्राप्ति के लिए आवश्यक है कि हम विभेदकारी जागरूकता को अपनाएं।

आर्ट ऑफ लिविंग का व्यापक प्रभाव

आज दुनिया भर में लाखों लोग आर्ट ऑफ लिविंग से जुड़कर अपने जीवन में संतुलन, शांति और आध्यात्मिक जागरूकता की ओर बढ़ रहे हैं। इसका मूल संदेश स्पष्ट है—जब सांसों पर नियंत्रण होता है, तब जीवन भी नियंत्रित और आनंदमय हो जाता है। यही सच्ची आर्ट ऑफ लिविंग है।