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1st Bihar Published by: KHUSHBOO GUPTA Updated Thu, 24 Apr 2025 01:36:42 PM IST
ऐप के जरिये घने जंगलों से टूरिस्ट तक पहुंचे थे आतंकी - फ़ोटो
Pahalgam Terror Attack: जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद पूरा देश गुस्से में है। आतंकी हमले के बाद एक सुर से पूरे देश में आतंक को खत्म करने की मांग की जा रही है। हमले के बाद सुरक्षाबल लगातार आतंकियों की तलाश में सर्च ऑपरेशन चला रहे हैं। भारत सरकार ने भी पाकिस्तान के खिलाफ कई कड़े कदम उठाये हैं। इसी बीच हमले को लेकर एक नया खुलासा हुआ है।
बॉर्डर पार से दी गई ट्रेनिंग
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में आतंकी हमले को विशेष तैयारी के साथ अंजाम दिया गया था। दावा किया जा रहा है कि पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी ISI की मदद से ये आतंकी हमले करने में कामयाब रहे। हमले को लेकर इन आतंकियों को बॉर्डर पार से ट्रेनिंग तक दी गई थी। सूत्रों के हवाले से जानकारी मिली है कि इन आतंकवादियों के पास एक खास मोबाइल ऐप था जिसका इस्तेमाल कर ये पहलगाम के घने जंगलों से होते हुए बैसरन इलाके तक पहुंचने में कामयाब रहे। यहीं पर आतंकियों ने धर्म पूछकर पर्यटकों को गोली मार दी।
अल्पाइन क्वेस्ट ऐप्लीकेशन का इस्तेमाल किया
खुफिया सुरक्षा एजेंसी से जुड़े सूत्रों के मुताबिक आतंकवादियों ने पहलगाम के घने जंगलों में टूरिस्ट स्पॉट तक पहुंचने के लिए अल्पाइन क्वेस्ट ऐप्लीकेशन का इस्तेमाल किया था। इससे पहले जम्मू के जंगलों में भी आतंकी वारदात को अंजाम देने के लिए आतंकवादियों ने इस ऐप का इस्तेमाल किया था। सुरक्षा एजेंसियों की सतर्कता से उस ऐप की ट्रैकिंग की भी गई जिससे बचने के लिए आतंकवादियों ने इसका इस्तेमाल पहलगाम के जंगलों में किया था। सूत्रों के मुताबिक आतंकवादी इस इंक्रिप्टेड एप्लीकेशन के जरिए उस टूरिस्ट स्पॉट पर पहुंचने में कामयाब रहे, जहां पर पर्यटकों की बहुत ज्यादा भीड़ थी।
पाकिस्तानी सेना ने की आतंकियों की मदद
आतंकी हमले के बाद इस मामले की जांच कर रही जांच एजेंसियों के मुताबिक भारतीय खुफिया एजेंसी की ट्रैकिंग से बचने के लिए पाकिस्तानी सेना ने इनकी मदद की थी। पाकिस्तान सेना की शह पर इस मोबाइल ऐप को तैयार किया गया था। यही नहीं मोबाइल ऐप बनाने के बाद इसके इस्तेमाल को लेकर आतंकियों को ट्रेनिंग भी दी गई। आतंकवादियों को इस ऐप का कैसे इस्तेमाल करना है इसकी पेशेवर ट्रेनिंग बॉर्डर पार उनके हैंडलर की ओर से दी गई। खास बात यह है कि पहलगाम आतंकी हमले में शामिल सारे आतंकियों को इस ऐप को चलाने की ट्रेनिंग दी गई थी।