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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 20 Jan 2025 06:09:37 PM IST
Ashish Mishra - फ़ोटो Google
Lakhimpur Kheri Case: सुप्रीम कोर्ट ने 2021 में किसान आंदोलन के दौरान लखीमपुर खीरी में आठ लोगों की हत्या से संबंधित मामले में पूर्व केंद्रीय मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा द्वारा संबंधित गवाहों को प्रभावित करने के आरोपों की जांच करने का सोमवार को उत्तर प्रदेश पुलिस को निर्देश दिया. न्यायमूर्ति सूर्य कांत और न्यायमूर्ति एन कोटिश्वर सिंह की पीठ ने संबंधित पक्षों को निर्देश दिया कि वे (गवाहों को कथित तौर पर धमकाने) आरोपों से संबंधित सभी दस्तावेज संबंधित पुलिस अधीक्षक के समक्ष प्रस्तुत करें.
शीर्ष अदालत ने इसके साथ ही पुलिस अधिकारी को चार सप्ताह के भीतर रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया. पीठ के समक्ष मृतक के परिवार के सदस्यों की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने दावा किया कि आरोपी की ओर से अपनी जमानत शर्तों का उल्लंघन करते हुए गवाहों को प्रभावित किया जा रहा है. इसके विपरीत आरोपी के वकील सिद्धार्थ दवे ने तर्क देते हुए कहा कि आवेदक मीडिया की सुर्खियां बटोरने के लिए ऐसे आरोप लगाते रहे.
उन्होंने दावा किया कि जहां तक आरोपों (गवाहों को प्रभावित करने) का सवाल है, प्रतिवादी मौके पर मौजूद भी नहीं था। इस पर पीठ ने कहा कि ऐसी सामग्रियों की सत्यता, वास्तविकता और विश्वसनीयता की जांच पुलिस द्वारा की जा सकती है, जिसे एक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी चाहिए. गौरतलब है कि शीर्ष अदालत ने जनवरी 2023 को इस मामले में आशीष मिश्रा को अंतरिम जमानत दी थी और उसे जेल से रिहा होने के एक सप्ताह के भीतर उत्तर प्रदेश छोड़ने का भी निर्देश दिया था। यह आदेश (जिसे शुरू में कई बार बढ़ाया गया) बाद में भी लागू रहा।
उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी जिले में अक्टूबर 2021 में आठ लोगों की उस समय मौत हो गई थी, जब राज्य के तत्कालीन उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य के इलाके के दौरे का विरोध कर रहे किसानों का आंदोलन कथित तौर पर हिंसक हो गया था. आशीष मिश्रा पर भी कई लोगों को कार से कुचलने के आरोप हैं.