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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 05 Oct 2025 10:59:13 AM IST
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FASTag rule 2025: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने टोल प्लाजा पर डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देने और नकद लेन-देन को कम करने के लिए एक बड़ा कदम उठाया है। 15 नवंबर 2025 से, यदि कोई वाहन वैध और सक्रिय FASTag के बिना नेशनल हाईवे पर प्रवेश करता है, तो उसे UPI के माध्यम से टोल भुगतान करना होगा, और यह भुगतान सामान्य टोल राशि का 1.25 गुना होगा।
इस बदलाव के पहले, FASTag न होने वाले वाहनों से नकद भुगतान पर दोगुना टोल लिया जाता था। नए नियम के तहत, नकद भुगतान को धीरे-धीरे समाप्त करने की कोशिश की जा रही है। उदाहरण के लिए, यदि किसी वाहन का सामान्य टोल ₹100 है, तो बिना FASTag के UPI भुगतान करने पर उसे ₹125 देने होंगे।
नए नियम की मुख्य बातें
बिना FASTag वाहन: केवल UPI के माध्यम से टोल भुगतान करना होगा
टोल शुल्क: सामान्य टोल राशि का 1.25 गुना
लागू तिथि: 15 नवंबर 2025
उद्देश्य: नकद लेन-देन को कम करना, डिजिटल भुगतान को बढ़ावा देना
पहले का नियम: बिना FASTag वाहन वालों से नकद भुगतान पर दोगुना टोल
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि यह बदलाव राष्ट्रीय राजमार्ग शुल्क (दरों का निर्धारण और संग्रह) नियम, 2008 में संशोधन के तहत किया गया है। मंत्रालय ने कहा, “नए नियम के तहत वैध और चालू FASTag के बिना शुल्क प्लाजा में प्रवेश करने वाले वाहनों से नकद भुगतान करने पर टोल राशि का दोगुना शुल्क लिया जाएगा। वहीं, UPI के माध्यम से भुगतान करने वाले वाहन चालकों से केवल 1.25 गुना शुल्क लिया जाएगा।”
टोल प्लाजा पर लंबी कतारों में कमी आएगी और डिजिटल भुगतान तेज और पारदर्शी होगा। FASTag का अनिवार्य उपयोग करने के लिए वाहन मालिकों के लिए FASTag खरीदना और सक्रिय रखना अब आवश्यक होगा। नकद लेन-देन का कम होने की संभावना है। नेशनल हाईवे पर टोल संग्रह का डिजिटलीकरण बढ़ेगा। वैकल्पिक भुगतान: अगर FASTag नहीं है तो UPI से भुगतान करना अनिवार्य होगा, नकद का विकल्प लगभग समाप्त। इससे पहले, इसी वर्ष 15 अगस्त को मंत्रालय ने नेशनल हाईवे पर ₹3000 वार्षिक टोल पास की घोषणा की थी। यह टोल पास 1 साल या 200 ट्रिप (जो भी पहले हो) के लिए मान्य होगा। औसतन प्रत्येक ट्रिप की लागत लगभग ₹15 बनती है। यह योजना नियमित हाईवे उपयोगकर्ताओं के लिए एक बड़ी राहत के रूप में देखी जा रही है।
सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय का मानना है कि FASTag और डिजिटल भुगतान का अनिवार्य होना टोल संग्रह प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाता है। इससे भ्रष्टाचार पर नियंत्रण, नकद लेन-देन में कमी और राजमार्गों पर यातायात प्रबंधन बेहतर होगा। नए नियम से FASTag के उपयोग में वृद्धि होगी, जिससे वाहन चालकों को भी लंबी कतारों में खड़ा होने से राहत मिलेगी। इसके साथ ही, डिजिटल भुगतान से डेटा रिकॉर्डिंग आसान होगी और टोल संग्रह में स्वच्छता और पारदर्शिता आएगी।
15 नवंबर 2025 से लागू होने वाला यह नया नियम नेशनल हाईवे पर यात्रा करने वाले सभी वाहन चालकों के लिए महत्वपूर्ण है। FASTag न होने पर UPI भुगतान अनिवार्य और टोल शुल्क 1.25 गुना लागू होगा। वाहन मालिकों को सलाह दी जाती है कि वे वैध और सक्रिय FASTag अवश्य लगवाएं, ताकि उन्हें अतिरिक्त शुल्क का सामना न करना पड़े। यह कदम भारत सरकार के डिजिटल इंडिया मिशन और स्मार्ट राजमार्ग योजना के अनुरूप है, जो टोल संग्रह को स्मार्ट, तेज और पारदर्शी बनाने में मदद करेगा।