अयोध्या राम मंदिर आंदोलन में अहम भूमिका निभाने वाले रामविलास वेदांती का निधन, कल सरयू में होगी जल समाधि

अयोध्या के राम मंदिर आंदोलन के प्रमुख स्तंभ और पूर्व सांसद डॉ. रामविलास वेदांती का रीवा के संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में निधन हो गया। उनका पार्थिव शरीर अयोध्या लाया जाएगा और मंगलवार को सरयू में जल समाधि दी जाएगी।

1st Bihar Published by: FIRST BIHAR Updated Mon, 15 Dec 2025 03:23:42 PM IST

Ramvilash Vedant

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Ramvilash Vedanti: अयोध्या के राम मंदिर आंदोलन से प्रमुख रूप से जुड़े भाजपा के पूर्व सांसद डॉ. रामविलास वेदांती का निधन हो गया है। पिछले कई दिनों से बीमार चल रहे वेदांती का इलाज मध्य प्रदेश के रीवा स्थित संजय गांधी मेमोरियल अस्पताल में किया जा रहा था। 


सोमवार की दोपहर उन्होंने अंतिम सांस ली। उनका पार्थिव शरीर अयोध्या लाया जा रहा है, जहां मंगलवार को सरयू में जल समाधि दी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई नेताओं ने उनके निधन पर गहरा दुख व्यक्त किया है। 67 वर्षीय डॉ. वेदांती पिछले दो दिनों से राम कथा के लिए रीवा में प्रवास कर रहे थे। 


रविवार को उन्हें यूरिन पास न होने की समस्या हुई, जिसके बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया। मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव को उनकी तबीयत की जानकारी मिली और उन्हें एयरलिफ्ट कर भोपाल ले जाने की व्यवस्था की गई, लेकिन कम विजिबिलिटी के कारण विमान भोपाल नहीं उतर पाया और उन्हें रीवा में ही भर्ती रखना पड़ा।


मध्यरात्रि में उन्हें हार्ट अटैक आया। सोमवार सुबह फिर से हार्ट अटैक की सूचना पर मुख्यमंत्री योगी ने अस्पताल प्रबंधन से स्वास्थ्य की जानकारी ली। उन्हें एयरलिफ्ट कर मेदांता ले जाने की तैयारी थी, लेकिन खराब मौसम और स्वास्थ्य में उतार-चढ़ाव को देखते हुए डॉक्टरों ने फिलहाल एयरलिफ्ट करने की अनुमति नहीं दी। मेदांता के चिकित्सकों से चर्चा के बाद उन्हें स्थिर स्थिति में ही भेजने पर सहमति बनी। दोपहर साढ़े बारह बजे उन्होंने अंतिम सांस ली।


सीएम योगी आदित्यनाथ ने डॉ. वेदांती के निधन पर कहा कि "श्रीराम जन्मभूमि आंदोलन के प्रमुख स्तंभ, पूर्व सांसद और अयोध्या धाम स्थित वशिष्ठ आश्रम के पूज्य संत डॉ. रामविलास वेदांती जी महाराज का गोलोकगमन आध्यात्मिक जगत और सनातन संस्कृति के लिए अपूरणीय क्षति है। उनका जाना एक युग का अवसान है। धर्म, समाज और राष्ट्र की सेवा को समर्पित उनका त्यागमय जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा है। प्रभु श्रीराम से प्रार्थना है कि दिवंगत पुण्यात्मा को अपने श्री चरणों में स्थान दें और शोक संतप्त शिष्यों एवं अनुयायियों को यह अथाह दुःख सहन करने की शक्ति प्रदान करें।"