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04-Mar-2025 02:32 PM
Darbhanga Maharaja Museum: दरभंगा के महाराजाधिराज लक्ष्मेश्वर सिंह से जुड़ी विरासत को संरक्षण प्रदान करने के लिए म्यूजियम का निर्माण किया गया है। हालाँकि इनसे जुड़ी वस्तुओं और कलाकृतियों को व्यवस्थित तरीके से प्रदर्शित करना संभव नहीं हो पा रहा था। लिहाजा ,12 करोड़ रुपये की लागत से नवीन और अत्याधुनिक भवन का निर्माण कराया गया है।
अब बिहार में भी कोलकाता के तर्ज पर एक बड़े म्यूजियम का नजारा दरभंगा में भी उपलव्ध होगा। इस अपग्रेडेड म्यूजियम को ब्रिटिशकालीन विक्टोरिया मेमोरियल से प्रेरित होगा , जिससे यह न केवल ऐतिहासिक महत्व को सहेजेगा बल्कि पर्यटकों और संस्कृति प्रेमियों के लिए आने वाले समय में आकर्षण का बड़ा केंद्र बनने की संभावना भी प्रवल है ।
क्यों बनाया गया नया म्यूजियम?
दरअसल ,दरभंगा में पहले से चंद्रधारी म्यूजियम और दरभंगा म्यूजियम मौजूद हैं, लेकिन इनमें पुरातन वस्तुएं, दरभंगा महाराज और मधुबनी के जमींदार चंद्रधारी सिंह से जुड़ी पुरातन धरोहरों को संजोकर रखना कठिन हो रहा था। कई महत्वपूर्ण वस्तुएं प्रदर्शनी से बाहर थीं और संरक्षण की जरूरत थी। इसी के मद्देनजर एक और भव्य और आधुनिक म्यूजियम का निर्माण किया गया।
म्यूजियम की विशेषताएं:
इसमें दरभंगा महाराजाधिराज लक्ष्मेश्वर सिंह से जुड़ी ऐतिहासिक धरोहरों को प्रदर्शित किया जाएगा,साथ ही मधुबनी पेंटिंग, दुर्लभ कलाकृतियां और ऐतिहासिक दस्तावेजों का विशेष संग्रह और संरक्षण प्रदान किया जयेगा ,इसके साथ मॉडर्न डिजिटल डिस्प्ले और ऑडियो-विजुअल गैलरी की सुविधा दी जाएगी, जिससे दर्शकों को एक नया अनुभव मिलेगा। यहाँ पर्यटकों को आकर्षित करने के लिए इंटरेक्टिव टचस्क्रीन, वर्चुअल टूर और होलोग्राफिक डिस्प्ले का इस्तेमाल किया जाएगा।
पर्यटन को मिलेगा नया आयाम
दरभंगा पहले से ही मिथिला की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहरों के लिए जाना जाता है। नए म्यूजियम के निर्माण से यह क्षेत्र पर्यटन के एक प्रमुख केंद्र के रूप में उभरेगा वहीं ,स्थानीय कारीगरों, शोधकर्ताओं और छात्रों को भी इससे लाभ मिलेगा। बिहार सरकार इस म्यूजियम को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित करने की योजना बना रही है, जिससे पर्यटकों की संख्या में वृद्धि होगी और स्थानीय अर्थव्यवस्था को भी बल मिलेगा।