अमित शाह ने संभाली बंगाल की कमान, दिलीप घोष से मुलाकात ने बढ़ाई सियासी हलचल

पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव से पहले अमित शाह ने कोलकाता में भाजपा नेताओं के साथ बैठक की। दिलीप घोष की मौजूदगी ने पार्टी की रणनीति और एकजुटता के संकेत दिए।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 31 Dec 2025 02:22:09 PM IST

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विधानसभा चुनाव की तैयारी - फ़ोटो social media

DESK: पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव में अभी कुछ महीने बाकी हैं, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने अभी से अपनी तैयारियाँ तेज कर दी हैं। इस बार खुद केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने बंगाल की चुनावी कमान संभाल ली है। माना जा रहा है कि 2026 के विधानसभा चुनाव के लिए भाजपा कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती।


बुधवार को अमित शाह ने कोलकाता के साल्ट लेक स्थित एक होटल में प्रदेश भाजपा के शीर्ष नेताओं के साथ अहम बैठक की। इस बैठक में नेता विपक्ष शुभेंदु अधिकारी, प्रदेश अध्यक्ष समिक भट्टाचार्य सहित पार्टी के कई वरिष्ठ नेता मौजूद रहे। इसके अलावा पार्टी के सांसदों, विधायकों, नगर निगम नेताओं और संगठन के प्रभावशाली पदाधिकारियों को भी बैठक में बुलाया गया था। सूत्रों के अनुसार, बैठक में उन्हीं नेताओं को आमंत्रित किया गया, जिन्हें आगामी विधानसभा चुनाव में टिकट या प्रचार की जिम्मेदारी मिल सकती है।


इस बैठक में पूर्व प्रदेश अध्यक्ष दिलीप घोष की मौजूदगी ने सभी को चौंका दिया। खुद अमित शाह ने उनसे मुलाकात की और कई अहम मुद्दों पर चर्चा की। उनकी मौजूदगी इसलिए खास मानी जा रही है क्योंकि हाल के दिनों में उनके भाजपा से नाराज होने की चर्चाएं चल रही थीं। कुछ समय पहले वे मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ एक कार्यक्रम में भी नजर आए थे, जिसके बाद उनके तृणमूल कांग्रेस में जाने की अटकलें तेज हो गई थीं।


हालांकि अब हालात बदलते दिख रहे हैं। भाजपा की कोशिश दिलीप घोष को दोबारा साधने की है और उन्हें 2026 के विधानसभा चुनाव में अहम भूमिका देकर आगे लाने की रणनीति बनाई जा रही है। उनकी बैठक में मौजूदगी को पार्टी में एकजुटता का संकेत माना जा रहा है।


दिलीप घोष को बंगाल भाजपा के सबसे सफल प्रदेश अध्यक्षों में गिना जाता है। उनके कार्यकाल में 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 18 सीटें जीती थीं, जबकि 2014 में यह संख्या सिर्फ 3 थी। वहीं 2021 के विधानसभा चुनाव में भाजपा की सीटें बढ़कर 70 तक पहुंच गई थीं। अमित शाह ने बैठक के दौरान साफ संकेत दिया कि पार्टी बंगाल में मजबूत और एकजुट नेतृत्व चाहती है और उन सभी नेताओं को एक मंच पर लाने की कोशिश की जा रही है, जिनका पार्टी में बड़ा कद और प्रभाव रहा है।