Bihar News: बिहार में तीन देशों की पहचान पत्रों के साथ शख्स गिरफ्तार, पाकिस्तान से जुड़ा है तार

Bihar News: बिहार पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने एक बड़े सुरक्षा संदिग्ध को पकड़ा है, जिसके पास से पाकिस्तान का पहचान पत्र मिलने से खुफिया एजेंसियों में हड़कंप मच गया है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 14 Sep 2025 07:51:27 AM IST

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बिहार न्यूज - फ़ोटो GOOGLE

Bihar News: बिहार पुलिस को एक बड़ी सफलता हाथ लगी है। पुलिस ने एक बड़े सुरक्षा संदिग्ध को पकड़ा है, जिसके पास से पाकिस्तान का पहचान पत्र मिलने से खुफिया एजेंसियों में हड़कंप मच गया है। यह गिरफ्तारी लौकहा थाना क्षेत्र से की गई है, जहां शुक्रवार की रात इंटेलिजेंस ब्यूरो की सूचना पर कार्रवाई करते हुए स्थानीय पुलिस और अन्य राज्यों की पुलिस की संयुक्त टीम ने छापेमारी की।


गिरफ्तार किए गए व्यक्ति की पहचान 55 वर्षीय जलाल अहमद लारी के रूप में हुई है। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि उसका मूल निवास कानपुर, उत्तर प्रदेश में है। वह पहले चमड़े की फैक्ट्री चलाता था, जो अब बंद हो चुकी है। पुलिस के अनुसार, जलाल अहमद लारी का नेपाल और बिहार के लौकहा क्षेत्र में पहले से संपर्क रहा है, क्योंकि उसके पूर्वजों ने इन इलाकों में जमीन खरीदी थी, जिसकी देखरेख के लिए वह अक्सर यहाँ आता रहता था।


वहीं, चौंकाने वाली बात यह है कि पुलिस को जलाल अहमद लारी के पास से भारत, नेपाल और पाकिस्तान – तीन देशों के पहचान पत्र बरामद हुए हैं। यह मामला अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सुरक्षा चिंताओं को जन्म दे रहा है, खासकर जब भारत और पाकिस्तान के बीच संबंधों को देखते हुए यह संवेदनशील मुद्दा बन सकता है।


फुलपरास के डीएसपी ने बताया कि जलाल अहमद लारी से पूछताछ की जा रही है और उसके पास से बरामद दस्तावेजों की सतर्कता से जांच की जा रही है। अभी यह स्पष्ट नहीं है कि वह पाकिस्तान का पहचान पत्र कैसे प्राप्त कर सका और उसका वहां से क्या संपर्क है। डीएसपी ने कहा, "फिलहाल जांच प्रारंभिक चरण में है, और अभी कुछ भी निर्णायक नहीं कहा जा सकता। सभी दस्तावेजों की वैधता की पुष्टि की जा रही है। पूछताछ पूरी होने के बाद मीडिया को विस्तृत जानकारी दी जाएगी।"


लौकहा क्षेत्र नेपाल सीमा से सटा हुआ इलाका है, जो पहले भी तस्करी, जासूसी और फर्जी दस्तावेजों के मामलों को लेकर चर्चा में रहा है। ऐसे में पाकिस्तान के किसी दस्तावेज का मिलना न केवल सीमा सुरक्षा बल बल्कि रॉ और IB जैसी राष्ट्रीय एजेंसियों के लिए चिंता का विषय बन सकता है।