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bihar crime: रोहतास के डेहरी चकबंदी कार्यालय के तत्कालीन अमीन रामकृष्ण मिश्र को 2500 रुपये रिश्वत लेने के मामले में निगरानी की विशेष कोर्ट ने आज दोषी ठहराया। भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 की धारा-7 के तहत 6 महीने सश्रम कारावास और 5 हजार रूपये आर्थिक जुर्माना और धारा-13 में एक साल की सजा और 5 हजार अर्थदंड लगाया गया है। ये दोनों सजाएं साथ-साथ चलेगी।
मामला 6 जून 2011 का है जब रोहतास के डेहरी चकबंदी कार्यालय में पदस्थापित अमीन रामकृष्ण मिश्र ने मदन सिंह से खतियान की नकल निकालने के लिए पैसे की मांग की थी। रामकृष्ण मिश्र ने परिवादी मदन सिंह से 5 खतियान के नकल के लिए 500 रुपये के हिसाब से 2500 रुपये घूस मांगा था। तब मदन सिंह ने इसकी शिकायत विजिलेंस से की थी। जिसके बाद निगरानी की टीम ने घूस लेते अमीन रामकृष्ण मिश्र को रंगे हाथ गिरफ्तार किया था। इसी मामले में आरोपी को दोषी ठहराते हुए निगरानी की विशेष कोर्ट ने 13 साल बाद फैसला सुनाया।
इस मामले का अनुसंधान विश्वनाथ प्रसाद, पुलिस निरीक्षक द्वारा करते हुए ससमय आरोप-पत्र दायर किया गया। बिहार सरकार की ओर से किशोर कुमार सिंह, प्रभारी विशेष लोक अभियोजक (निगरानी ट्रैप) ने प्रभावी तरीके से पैरवी की और आरोपी को दोष सिद्ध कराने में सफलता हासिल की। विदित हो कि पूर्व में दिनांक-15.01.25 को राजनंदन कुमार श्यामला, प्रशाखा पदाधिकारी, कृषि विभाग, न्यू सचिवालय, पटना और दिनांक-21.01.2025 को राजाराम सिंह, अमीन, राजगीर अंचल, नालंदा को भी निगरानी न्यायालय द्वारा दोषी ठहराया गया था।
इस प्रकार वर्ष 2025 का यह तीसरा केस है जिसमें माननीय न्यायालय, निगरानी पटना मो० रूस्तम द्वारा अभियुक्त को दोषी ठहराया गया है। यदि आपसे भी कोई सरकारी काम करने के एवज में पैसे की डिमांड करता है तो घबराइये नहीं तुरंत पटना स्थित निगरानी अन्वेषण ब्यूरो के दफ्तर में उपस्थित होकर इस बात की शिकायत दर्ज करायें या फिर इन नंबरों पर सम्पर्क करें।
लैंडलाइन नंबरः 0612-2215033, 0612-2215030, 0612-2215032, 0612-2215036, 0612-2215037, 0612-2999752
हेल्पलाइन नंबरः 0612-2215344
मोबाइल नम्बरः 7765953261