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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 03 Mar 2025 08:02:07 AM IST
rojgar - फ़ोटो rojgar
बिहार सरकार श्रमिकों के पलायन को रोकने और युवाओं को रोजगार और कौशल प्रशिक्षण देने के लिए व्यापक श्रम रोडमैप तैयार कर रही है। इस योजना में 18 से अधिक बिंदुओं पर काम किया जाएगा, जिससे न केवल श्रमिकों को राज्य में ही काम के अवसर मिलेंगे, बल्कि युवा उच्च गुणवत्ता का कौशल प्रशिक्षण प्राप्त कर बेहतर भविष्य की ओर अग्रसर हो सकेंगे। इसके लिए अधिकारियों को दूसरे राज्यों में भेजा जाएगा, ताकि वे वहां के सफल मॉडलों का अध्ययन कर बिहार के लिए कारगर रणनीति तैयार कर सकें।
इस योजना के तहत मेगा स्किल सेंटर की संख्या बढ़ाई जाएगी। फिलहाल 8 मेगा स्किल सेंटर संचालित हैं, लेकिन राज्य सरकार इन्हें और बढ़ाने की योजना बना रही है। इसके लिए विश्व बैंक, ब्रिटिश काउंसिल, टीसीएच, डब्ल्यूएससी, नैसकॉम, बारबेक्यू नेशन, वी मार्ट, जोमैटो और रिलायंस जियो जैसी बड़ी कंपनियों के प्रतिनिधियों से बातचीत की गई है। ये कौशल केंद्र युवाओं को उनके घर के नजदीक ही रोजगार या स्वरोजगार के अवसर उपलब्ध कराएंगे। इससे हर साल काम की तलाश में दूसरे राज्यों में जाने वाले हजारों लोगों को बिहार में ही काम मिल सकेगा, जिससे मजदूरों का पलायन रोकने में मदद मिलेगी।
युवाओं के कौशल को निखारने और उन्हें रोजगार के अधिक अवसर देने के लिए रोडमैप में कई प्रमुख उद्योगों को शामिल किया गया है। इनमें कृषि, कपड़ा, इलेक्ट्रॉनिक्स, हार्डवेयर, ग्रीन जॉब्स, हेल्थकेयर, पावर सेक्टर, रबर, टेलीकॉम, आयरन, स्टील, कंप्यूटर सॉफ्टवेयर समेत अन्य क्षेत्रों में युवाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। इन क्षेत्रों में रोजगार के अधिक अवसर हैं और भविष्य में भी इनकी मांग बनी रहेगी।
बिहार सरकार 2027 तक राज्य में एक कौशल विश्वविद्यालय स्थापित करने की भी योजना बना रही है। इस परियोजना पर विभागीय स्तर पर काम शुरू हो गया है और जल्द ही इसे कैबिनेट की मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। मंजूरी मिलने के बाद विश्वविद्यालय बनने में करीब दो साल का समय लग सकता है। यह विश्वविद्यालय युवाओं को रोजगार के योग्य बनाने के लिए अत्याधुनिक पाठ्यक्रम और प्रशिक्षण प्रदान करेगा।
बिहार सरकार ने श्रमिकों के हित में कई महत्वपूर्ण कदम उठाने का फैसला किया है। इनमें मुख्य रूप से स्थानीय स्तर पर रोजगार के अवसर बढ़ाना शामिल है, ताकि बिहार के श्रमिकों को मजबूरी में दूसरे राज्यों में न जाना पड़े। अगर कोई श्रमिक विदेश या दूसरे राज्य में काम कर रहा है, तो उसे उसके कौशल के अनुसार उचित काम मिले।
दुर्घटना की स्थिति में देश-विदेश से श्रमिकों को बिहार लाने में कोई दिक्कत न हो, इसके लिए कारगर तंत्र विकसित किया जाएगा। राज्य सरकार के पास श्रमिकों का सटीक डाटा होगा, ताकि उनके कौशल का पूरा ब्योरा रखा जा सके। श्रमिकों को विभिन्न सरकारी और निजी योजनाओं से जोड़ा जाएगा, ताकि उन्हें अधिक लाभ मिल सके।
श्रम संसाधन मंत्री संतोष कुमार ने कहा कि बिहार के लोग मजबूरी में देश-विदेश न जाएं, इसके लिए सरकार तेजी से काम कर रही है। उन्होंने कहा कि राज्य में रोजगार के अवसर बढ़ाने और युवाओं को बेहतर कौशल प्रदान करने के लिए श्रम रोडमैप तैयार किया जा रहा है। इस योजना को जल्द ही मंजूरी के लिए सरकार के पास भेजा जाएगा और इसके प्रभावी क्रियान्वयन पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।