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Success Story: कम उम्र में मां का साथ छूटा, फिर भी नहीं टूटा हौसला, कठिन परिश्रम कर दारोगा की बेटी बन गई IAS अधिकारी

Success Story: हर साल लाखों उम्मीदवार यूपीएससी परीक्षा पास करने का सपना देखते हैं. इस परीक्षा को पास करना उतना ही कठिन है लेकिन आज हम रूपल राणा की सफलता की कहानी बताएंगे, जिसने भारत की सबसे कठिन परीक्षा पास कर लिया है.

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 26 Mar 2025 02:51:43 PM IST

Success Story

सफलता की कहानी - फ़ोटो google

Success Story:  हर साल लाखों उम्मीदवार यूपीएससी परीक्षा पास करने का सपना देखते हैं, लेकिन इस परीक्षा को पास करना उतना ही कठिन है। यह सफलता केवल कठिन मेहनत, सही रणनीति और मानसिक दृढ़ता से ही मिलती है। ऐसी ही एक प्रेरणादायक कहानी है रूपल राणा की, जिन्होंने तीन साल के कठिन संघर्ष के बाद यूपीएससी परीक्षा में 26वीं रैंक हासिल कर सफलता का मुकाम पाया।


प्रारंभिक शिक्षा की शुरुआत 

रूपल राणा का जन्म उत्तर प्रदेश के बागपत जिले में हुआ। उनकी स्कूली शिक्षा बागपत के जेपी पब्लिक स्कूल से हुई, जहां उन्होंने 10वीं कक्षा में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया। इसके बाद, उन्होंने 11वीं और 12वीं की पढ़ाई पिलानी के प्रसिद्ध इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी से की। उच्च शिक्षा के लिए उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय के देशबंधु कॉलेज से विज्ञान में स्नातक की डिग्री प्राप्त की, और इस दौरान अपने समर्पण और मेहनत से विश्वविद्यालय टॉपर बनने का गौरव हासिल किया।


कम उम्र में मां का साथ छूटना

रूपल राणा के जीवन में एक दुखद मोड़ आया जब उन्होंने बहुत कम उम्र में अपनी मां को खो दिया। मां का साया उठने के बाद रूपल पूरी तरह से टूट गईं, लेकिन परिवार के अन्य सदस्य, खासकर उनके भाई-बहन, ने उन्हें संभाला और जीवन की कठिनाइयों से उबरने के लिए प्रेरित किया। उनके पिता, जसवीर राणा, दिल्ली पुलिस में सहायक उप निरीक्षक (ASI) के पद पर कार्यरत थे, और उन्होंने रूपल को हमेशा अपनी पढ़ाई और करियर पर ध्यान केंद्रित करने के लिए प्रोत्साहित किया।


तीसरे प्रयास में मिली सफलता 

रूपल राणा के लिए यूपीएससी की राह आसान नहीं थी। उन्होंने दो बार इस परीक्षा में असफलता का सामना किया, लेकिन उन्होंने कभी हार नहीं मानी। सही दिशा में मेहनत और समर्पण के साथ उन्होंने तीसरे प्रयास में यूपीएससी परीक्षा को सफलता पूर्वक पास किया और 26वीं रैंक हासिल कर इतिहास रच दिया। उनका यह संघर्ष और सफलता की कहानी आज लाखों उम्मीदवारों के लिए प्रेरणा का स्रोत बन चुकी है।


रूपल राणा की कहानी हमें यह सिखाती है कि सफलता के लिए केवल कठिन मेहनत और निरंतर प्रयास ही नहीं, बल्कि सही रणनीति और मानसिक दृढ़ता भी जरूरी है। उनके संघर्षों और सफलता ने साबित कर दिया कि अगर मन में दृढ़ निश्चय हो, तो कोई भी कठिनाई हमें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने से रोक नहीं सकती।