ब्रेकिंग न्यूज़

बिहार में नहीं थम रहा भूमि विवाद का मामला: मुजफ्फरपुर में जमीन कारोबारी की हत्या, दूसरे की हालत गंभीर CBSE Board 12th Result 2025: गोल इंस्टीट्यूट के छात्र-छात्राओं ने लहराया परचम PATNA: बिहार के शिक्षकों एवं पुस्तकालयाध्यक्षों के लिए अच्छी खबर, वेतन भुगतान के लिए 28 अरब से अधिक की राशि जारी Patna News: पटना में लेडीज स्पेशल पिंक बस के परिचालन का मार्ग निर्धारित, जानिए.. किराया और रूट Patna News: पटना में लेडीज स्पेशल पिंक बस के परिचालन का मार्ग निर्धारित, जानिए.. किराया और रूट Bihar News: अब विदेशी भाषा सीखेंगे बिहार के छात्र, राज्यभर के 15 इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई शुरुआत Bihar News: अब विदेशी भाषा सीखेंगे बिहार के छात्र, राज्यभर के 15 इंजीनियरिंग कॉलेज में हुई शुरुआत Operation Sindoor: बिहार के लाल शहीद रामबाबू सिंह ने देश के लिए लुटा दी जान, हाल ही में हुई थी शादी; बॉर्डर पर चलाते थे एयर डिफेंस सिस्टम s 400 Operation Sindoor: बिहार के लाल शहीद रामबाबू सिंह ने देश के लिए लुटा दी जान, हाल ही में हुई थी शादी; बॉर्डर पर चलाते थे एयर डिफेंस सिस्टम s 400 PURNEA: विद्या विहार आवासीय विद्यालय में जश्न का माहौल, CBSE की 12वीं परीक्षा में शानदार प्रदर्शन

UPSC Success Story: मिट्टी का घर, तिरपाल की छत… किसान का बेटा बना UPSC टॉपर, पवन कुमार ने रचा इतिहास

UPSC Success Story: IAS अफसर बनने का सपना सिर्फ बड़े शहरों या अमीर परिवारों तक सीमित नहीं है। बुलंदशहर के एक छोटे कस्बे से आए पवन कुमार ने मिट्टी के घर और तिरपाल की छत के नीचे से UPSC परीक्षा में 239वीं रैंक हासिल कर यह साबित कर दिया।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 24 Apr 2025 02:47:30 PM IST

IAS अफसर, UPSC 2023, पवन कुमार, बुलंदशहर, सफलता की कहानी, मिट्टी का घर, तिरपाल की छत, किसान का बेटा, गरीबी में पढ़ाई, UPSC प्रेरणा, नवोदय विद्यालय, इलाहाबाद यूनिवर्सिटी, दिल्ली तैयारी, UPSC रैंक 239,

आज पवन कुमार की सफलता न सिर्फ उनके परिवार के लिए बल्कि उन हजारों छात्रों के लिए प्रेरणा है - फ़ोटो Google

UPSC Success Story:  उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर के एक छोटे से कस्बे से निकलकर पवन कुमार ने वह कर दिखाया जो लाखों युवाओं का सपना होता है। UPSC सिविल सेवा परीक्षा 2023 में उन्होंने 239वीं रैंक हासिल कर अपने परिवार और क्षेत्र का नाम रोशन किया। यह सफर आसान नहीं था| मिट्टी के घर, तिरपाल की छत और पुराने मोबाइल फोन से पढ़ाई कर पवन ने IAS बनने तक का कठिन रास्ता तय किया।


पवन कुमार का बचपन बेहद गरीबी और अभाव में बीता। उनके पिता मुकेश कुमार एक मेहनती किसान हैं, जिनकी आमदनी से घर का गुज़ारा मुश्किल से चलता था। पवन का घर कच्चा था, जिसमें तिरपाल की छत लगी थी और बरसात में टपकती छत के नीचे भी उन्होंने हार नहीं मानी। पढ़ाई के प्रति उनका समर्पण शुरू से ही अडिग था।


पढ़ाई की शुरुआत बुलंदशहर के नवोदय विद्यालय से हुई, जहां उन्होंने अपनी प्राथमिक शिक्षा पूरी की। इसके बाद उन्होंने इलाहाबाद यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन किया और फिर दिल्ली जाकर सिविल सेवा की तैयारी शुरू की। पवन बताते हैं कि उन्होंने ज्यादातर समय पुराने मोबाइल फोन में नोट्स पढ़कर तैयारी की, क्योंकि महंगे कोचिंग और संसाधन उनके पास नहीं थे। उनका फोकस और आत्मविश्वास ही उनकी सबसे बड़ी ताकत थी।


आज पवन कुमार की सफलता न सिर्फ उनके परिवार के लिए बल्कि उन हजारों छात्रों के लिए प्रेरणा है जो सीमित संसाधनों के बावजूद बड़े सपने देखते हैं| ये कहानी बताती है कि अगर जज़्बा सच्चा हो, तो तिरपाल की छत के नीचे से भी UPSC का ताज पाया जा सकता है।