ब्रेकिंग न्यूज़

Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच ताबड़तोड़ फायरिंग, दो युवक को लगी गोली Bihar Crime News: बिहार में भूमि विवाद को लेकर दो पक्षों के बीच ताबड़तोड़ फायरिंग, दो युवक को लगी गोली Bihar News: बिहार में बनेंगे 3.74 लाख नए राशन कार्ड, सरकार ने जारी किया आदेश; इस दिन से शुरू होगा अभियान Bihar News: बिहार में बनेंगे 3.74 लाख नए राशन कार्ड, सरकार ने जारी किया आदेश; इस दिन से शुरू होगा अभियान Bihar News: बिहार पुलिस की लापरवाही से युवक की हत्या का आरोप, मानवाधिकार आयोग पहुंचा मामला Bihar News: बिहार में दो चचेरी बहनों की नहर में डूबने से मौत, नहाने के दौरान हुआ हादसा Bihar News: बिहार में दो चचेरी बहनों की नहर में डूबने से मौत, नहाने के दौरान हुआ हादसा Asia Cup 2025: एशिया कप 2025 का शेड्यूल जारी, इस दिन से शुरू होगा टूर्नामेंट; 8 टीमें होंगी शामिल Asia Cup 2025: एशिया कप 2025 का शेड्यूल जारी, इस दिन से शुरू होगा टूर्नामेंट; 8 टीमें होंगी शामिल एकावना गांव में गड्ढे ने फिर ली जान: युवक की मौत पर रामबाबू सिंह ने जताया शोक, प्रशासन से जल्द कार्रवाई की मांग

Success Story: स्कूल में फेल होने के बाद भी नहीं टूटा हौसला, पहली बार में ही UPSC परीक्षा में मिली सफलता

Success Story: UPSC की परीक्षा को देश की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में शुमार किया जाता है. ऐसे में शख्सियत की कहानी बताने जा रहे हैं, स्कूल की परीक्षा में असफलता पाई, लेकिन एक मिसाल कायम कर दिया है. जानें...

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 02 Jun 2025 03:32:49 PM IST

Success Story

सफलता की कहानी - फ़ोटो GOOGLE

Success Story: संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) की सिविल सेवा परीक्षा को देश की सबसे कठिन प्रतियोगी परीक्षाओं में शुमार किया जाता है। इस परीक्षा को पास करना अपने आप में एक बड़ी उपलब्धि है, क्योंकि हर साल लाखों कैंडिडेट्स इसमें भाग लेते हैं, लेकिन सफल सिर्फ चंद लोग ही हो पाते हैं। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसी प्रेरणादायक शख्सियत की कहानी बता रहे हैं जिन्होंने एक समय स्कूल की परीक्षा में असफलता पाई, लेकिन बाद में देश की सबसे प्रतिष्ठित परीक्षा में सफलता हासिल कर एक मिसाल कायम की।


हम बात कर रहे हैं IAS रुक्मिणी रियार की, जो मूल रूप से चंडीगढ़ की रहने वाली हैं। उनके पिता बलजिंदर सिंह रियार, होशियारपुर के रिटायर्ड डिप्टी डिस्ट्रिक्ट अटॉर्नी रहे हैं और उनकी मां तकदीर कौर एक गृहिणी हैं। रुक्मिणी की पढ़ाई पंजाब के गुरदासपुर से शुरू हुई। शुरुआती दिनों में पढ़ाई में विशेष रूचि नहीं होने के कारण वह क्लास 6 में फेल हो गई थीं, लेकिन इस एक असफलता ने उनके जीवन की दिशा बदल दी।


रुक्मिणी ने बाद में शिक्षा को गंभीरता से लिया। उन्होंने गुरु नानक देव यूनिवर्सिटी, अमृतसर से ग्रेजुएशन किया और फिर टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज़ (TISS), मुंबई से पोस्ट-ग्रेजुएशन की डिग्री प्राप्त की। टाटा इंस्टीट्यूट में पढ़ाई के दौरान उन्होंने सामाजिक मुद्दों पर काम करने की गहरी समझ विकसित की। इसके बाद उन्होंने एक NGO में काम करना शुरू किया, जहां से उनके मन में जन सेवा की भावना प्रबल हुई और उन्होंने UPSC सिविल सेवा परीक्षा देने का निश्चय किया। रुक्मिणी ने बिना किसी कोचिंग के पूरी तरह सेल्फ स्टडी के जरिए UPSC की तैयारी की। उन्होंने NCERT की किताबों के साथ-साथ प्रमुख अखबारों और मैगज़ीन से करंट अफेयर्स की तैयारी की। उनकी रणनीति में अनुशासन, निरंतरता और आत्मविश्वास का प्रमुख स्थान रहा।


साल 2011 में उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में UPSC परीक्षा पास कर ली और देशभर में ऑल इंडिया रैंक 2 प्राप्त की। यह उपलब्धि उन सभी छात्रों के लिए एक प्रेरणा है जो सोचते हैं कि एक असफलता उनके करियर का अंत हो सकती है। रुक्मिणी ने सिद्ध कर दिया कि अगर इच्छाशक्ति, मेहनत और धैर्य हो, तो कोई भी लक्ष्य असंभव नहीं। वर्तमान में रुक्मिणी एक वरिष्ठ IAS अधिकारी के रूप में सरकार के विभिन्न विभागों में जनसेवा कर रही हैं और अपनी कार्यशैली और समर्पण के लिए जानी जाती हैं। उनकी कहानी आज भी लाखों छात्रों के लिए प्रेरणा स्रोत बनी हुई है। रुक्मिणी सोशल मीडिया पर सक्रिय नहीं हैं और हमेशा निजता और सादगी में विश्वास रखती हैं। वे समय-समय पर युवाओं को UPSC की तैयारी संबंधी सुझाव भी देती हैं।