Train News: दानापुर-जोगबनी वंदे भारत एक्सप्रेस का किराया तय, बुकिंग शुरू; यहां देखें पूरी जानकारी कटिहार सदर अस्पताल में सांप के काटने से महिला की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप कायमनगर में महिला चौपाल: सोनाली सिंह ने सुनीं महिलाओं की समस्याएं, दी माई-बहिन मान योजना की जानकारी सनातन जोड़ो यात्रा के तीसरे चरण में उमड़ा जनसैलाब, राजकुमार चौबे बोले..बक्सर बन सकता है अयोध्या-काशी से भी आगे पैतृक गांव महकार में केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने सादगी से मनाया अपना बर्थडे, हम कार्यकर्ताओं ने दी जन्मदिन की बधाई IRCTC New Rule: 1 अक्टूबर से ऑनलाइन टिकट बुकिंग में बड़ा बदलाव, आधार को लेकर सामने आई नई बात; जानिए.. नया नियम IRCTC New Rule: 1 अक्टूबर से ऑनलाइन टिकट बुकिंग में बड़ा बदलाव, आधार को लेकर सामने आई नई बात; जानिए.. नया नियम बड़हरा से अजय सिंह की पहल पर अयोध्या के लिए रवाना हुआ 16वां जत्था, अब तक 2850 श्रद्धालु कर चुके रामलला के दर्शन Bihar News: बिहार में ससुराल जा रहे युवक की सड़क हादसे में मौत, दो महीने पहले हुई थी शादी Bihar News: बिहार में ससुराल जा रहे युवक की सड़क हादसे में मौत, दो महीने पहले हुई थी शादी
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 05 Apr 2025 05:57:11 PM IST
प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google
Bihar girls education : बिहार में अब बेटियाँ न केवल स्कूल जा रही हैं, बल्कि आत्मनिर्भर बनने की दिशा में भी तेज़ी से आगे बढ़ रही हैं। यह बदलाव केवल परिवारों की सोच में नहीं, बल्कि सरकार की योजनाओं और सामाजिक परिवेश में आए सकारात्मक परिवर्तन में भी स्पष्ट रूप से दिखाई देता है।
अब बिहार में हर क्षेत्र में पढ़ाई, सुरक्षा और सुविधाओं का विस्तार हुआ है। हालाँकि, शिक्षा के क्षेत्र में बिहार अब भी कुछ अन्य राज्यों की तुलना में पीछे है, विशेषकर उच्च शिक्षा में जहाँ सकल नामांकन दर (GER - Gross Enrollment Ratio) अपेक्षाकृत कम है। अधिकांश लड़कियाँ 10वीं और 12वीं तक पढ़ाई कर लेती हैं, लेकिन उच्च शिक्षा की ओर बढ़ते समय कई बार आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक बाधाओं के कारण उनका हौसला टूट जाता है। मगर अब सरकार की इच्छाशक्ति और योजनाओं के प्रभाव से इस स्थिति में सुधार हो रहा है।
राज्य सरकार ने बेटियों की शिक्षा, सुरक्षा और आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाएं लागू की हैं। बेटी के जन्म पर माता-पिता को 5000 रुपये की प्रोत्साहन राशि दी जाती है, जो परिवारों को बच्चियों के भविष्य के प्रति गंभीर बनने के लिए प्रेरित करती है। स्कूलों में पढ़ने वाली छात्राओं को आयरन की गोलियाँ, सैनिटरी पैड और यूनिफॉर्म के लिए धनराशि सीधे बैंक खातों में भेजी जाती है। नौवीं और दसवीं कक्षा की छात्राओं को साइकिल उपलब्ध कराई जाती है ताकि वे नियमित रूप से स्कूल जा सकें।
वहीँ ,बालिग होने पर विवाह के पंजीकरण पर 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता दी जाती है। इंटरमीडिएट में 25 हजार और स्नातक की पढ़ाई के लिए 50 हजार रुपये तक की छात्रवृत्ति मिलती है। साथ ही, ग्रेजुएशन और पीजी की पढ़ाई को सरकार ने निशुल्क कर दिया है। सरकारी नौकरियों में महिलाओं को 35 प्रतिशत आरक्षण का प्रावधान है, जबकि नगर निकाय चुनावों में उन्हें 50 प्रतिशत आरक्षण दिया गया है। आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के लिए सरकार उद्यमिता को प्रोत्साहित कर रही है – बेटियाँ यदि उद्योग लगाना चाहें तो उन्हें 5 लाख रुपये का अनुदान और 5 लाख रुपये तक का ब्याज रहित ऋण मिलता है।
आपको बता दे कि कमर्शियल वाहन खरीदने पर रजिस्ट्रेशन शुल्क में छूट दी जाती है, जबकि जमीन की रजिस्ट्री पर केवल 0.4% स्टांप ड्यूटी देनी होती है। मुद्रा योजना के तहत बिना किसी संपत्ति को गिरवी रखे लोन की सुविधा भी उपलब्ध है। अब माता-पिता बेटियों की शिक्षा को सिर्फ एक विकल्प नहीं, बल्कि भविष्य की मजबूती के रूप में देखने लगे हैं। गाँव से लेकर शहरों तक यह सोच विकसित हुई है कि बेटियों को पढ़ाना न केवल उनका अधिकार है, बल्कि एक समृद्ध और प्रगतिशील समाज की आवश्यकता भी है।
बिहार की बेटियाँ आज हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही हैं, शिक्षा, प्रशासन, खेल, विज्ञान, और उद्योग में उनका योगदान लगातार बढ़ रहा है। यह परिवर्तन केवल योजनाओं का परिणाम नहीं है, बल्कि बेटियों की मेहनत, परिवारों की बदली सोच और समाज के सहयोग का एक सुंदर उदाहरण है। बिहार में बेटियों की उड़ान अब सिर्फ एक सपना नहीं, बल्कि साकार होती हकीकत है।