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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 25 Feb 2025 02:54:33 PM IST
reserve bank gold - फ़ोटो Social Media
जनवरी 2024 में आरबीआई ने 2.8 टन सोना खरीदा, जबकि पिछले साल 2023 में उसने 72.6 टन सोना खरीदा था। इस प्रकार, केंद्रीय बैंक के विदेशी मुद्रा भंडार (फॉरेक्स रिजर्व) में सोने की हिस्सेदारी बढ़कर 11.3% हो गई है, जो पिछले साल के मुकाबले 7.7% थी।
आरबीआई द्वारा किए गए इस कदम का सीधा असर भारतीय अर्थव्यवस्था और वैश्विक बाजार पर देखा जा सकता है। जब एक देश का केंद्रीय बैंक सोने का भंडार बढ़ाता है, तो इसका मतलब होता है कि वह आर्थिक अनिश्चितताओं से बचने और मुद्रा संकट की स्थिति में मजबूत स्थिति बनाने के लिए तैयारी कर रहा है। खासकर उस समय, जब रुपये में गिरावट आ रही हो और वैश्विक बाजार में अस्थिरता हो।
रिजर्व बैंक का यह कदम दिखाता है कि वह सोने को एक सुरक्षित निवेश विकल्प मानता है, जो वैश्विक बाजार में किसी भी प्रकार के उतार-चढ़ाव से बचाव का कार्य कर सकता है।
आरबीआई के ताजा आंकड़ों के अनुसार, जनवरी 2024 के अंत तक देश का कुल गोल्ड रिजर्व 879 टन तक पहुंच गया है, जो पिछले साल के मुकाबले 8% ज्यादा है। यह आंकड़ा विशेष रूप से महत्वपूर्ण है क्योंकि 2024 में रिजर्व बैंक ने लगातार सातवें साल गोल्ड रिजर्व बढ़ाया है, जो एक मजबूत संकेत है कि भारत सोने को एक रणनीतिक संपत्ति के रूप में देखता है।
2 फरवरी, 2024 को देश का गोल्ड रिजर्व 812.33 टन था, जो एक बड़ा बदलाव दर्शाता है। इससे यह साफ होता है कि आरबीआई का गोल्ड रिजर्व बढ़ाने का फैसला सिर्फ एक साल की बात नहीं, बल्कि एक लंबी अवधि की रणनीति का हिस्सा है।