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1243 एकड़ में यहां बनेगा बिहार का मेगा इंडस्ट्रियल जोन, इस सिक्स लेन एक्सप्रेसवे से भी होगा कनेक्शन

वैशाली जिला अब औद्योगिक विकास के मामले में भी अग्रणी बनने जा रहा है। यहां बिहार का सबसे बड़ा इंडस्ट्रियल पार्क बनने जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रगति यात्रा के दौरान इस महत्वाकांक्षी परियोजना की घोषणा की थी।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 20 Feb 2025 09:10:46 AM IST

industrial zone

image for representation - फ़ोटो AI

बिहार के औद्योगिक विकास को नई दिशा देने के लिए 1243 एकड़ में विशाल औद्योगिक क्षेत्र बनाने की योजना को मंजूरी दी गई है। यह क्षेत्र वैशाली जिले के जंदाहा, राजापाकर और महुआ प्रखंडों में फैला होगा और भारत माला परियोजना के तहत निर्माणाधीन आमस-दरभंगा छह लेन एक्सप्रेस-वे से सीधा जुड़ा होगा।


इस परियोजना को बिहार में निवेश आकर्षित करने और रोजगार के नए अवसर पैदा करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने अपनी प्रगति यात्रा के दौरान इस योजना की घोषणा की थी, जिसके बाद भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जिसको लेकर जिला अपर समाहर्ता ने अन्य अधिकारियों के साथ क्षेत्र का दौरा किया और इस संबंध में जानकारी दी।


इस औद्योगिक क्षेत्र के विकास से बिहार को कई लाभ होंगे। जैसे बड़े पैमाने पर उद्योगों की स्थापना, जिससे राज्य में निवेश को बढ़ावा मिलेगा। स्थानीय युवाओं को रोजगार के नए अवसर मिलेंगे। आमस-दरभंगा सिक्स लेन एक्सप्रेसवे से जुड़ने से लॉजिस्टिक और ट्रांसपोर्टेशन को लाभ होगा। राज्य का व्यापार और निर्यात मजबूत होगा, जिससे बिहार की अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा। हालांकि, इस योजना को लेकर कुछ विवाद भी सामने आ रहे हैं। जिन किसानों की जमीन अधिग्रहित की जा रही है, उन्होंने इसका कड़ा विरोध किया है। ग्रामीणों का कहना है कि सरकार पहले बंजर जमीन लेने की बात कर रही थी, लेकिन अब उपजाऊ और हरे-भरे खेतों को जबरन लिया जा रहा है।


बुधवार को जिला प्रशासन के अधिकारियों ने ग्रामीणों से मुलाकात की और उन्हें इस परियोजना के फायदे समझाने की कोशिश की। जिला अपर समाहर्ता और अन्य अधिकारियों ने मीडिया को बताया कि किसानों को उनकी जमीन का उचित मुआवजा सरकार की ओर से दिया जाएगा। अधिकारियों का कहना है कि यह परियोजना बिहार के औद्योगिक विकास के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। हम ग्रामीणों की आपत्तियों को ध्यान में रखते हुए समाधान निकालने की कोशिश कर रहे हैं। किसानों को उचित मुआवजा और पुनर्वास योजना दी जाएगी।