मूर्ति विसर्जन से लौटते वक्त रास्ते में गिर पड़ा हाथी, अचानक बिगड़ी तबीयत से मचा हड़कंप पतंग लूटने के दौरान मुजफ्फरपुर में दर्दनाक हादसा: पानी भरे गड्ढे में गिरने से दो बच्चों की मौत शिवहर में बागमती नदी में उफान, खतरे के निशान से 122 सेंटीमीटर ऊपर पहुँचा जलस्तर बक्सर में विश्वामित्र सेना के कार्यक्रम में बोले राजकुमार चौबे, कहा..बाहरी उम्मीदवारों को चुनाव में खदेड़कर भगाया जाएगा बिहार में तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे तस्कर, आलू के बोरे के साथ शराब की बड़ी खेप बरामद Bihar Ips Transfer: नीतीश सरकार ने SP रैंक के 5 IPS अफसरों का किया ट्रांसफऱ,लिस्ट देखें... कार्डियोलॉजिकल सोसाइटी ऑफ इंडिया (CSI) बिहार चैप्टर के 31वें वार्षिक अधिवेशन का समापन, डॉ. संजीव कुमार बने अध्यक्ष बिहार विधानसभा की सभी सीटों पर शंकराचार्य उतारेंगे निर्दलीय गौ भक्त प्रत्याशी, सनातनी राजनीति का किया शंखनाद बेगूसराय में अवैध मिनी गन फैक्ट्री का खुलासा, हथियार और उपकरण के साथ 3 अपराधी गिरफ्तार Bihar News: प्रधान सचिव 'नर्मदेश्वर लाल' बने SC-ST कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष...लोगों ने दी बधाई, दो उपाध्यक्ष व एक महासचिव का भी हुआ चयन
1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Thu, 21 Aug 2025 01:45:36 PM IST
महिला सीओ की प्रतीकात्मक तस्वीर - फ़ोटो Google
Bihar Co: बिहार की एक महिला अंचल अधिकारी के खिलाफ सरकार ने दंड देने का निर्णय लिया है. इस संबंध में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने संकल्प जारी कर दिया है. जिलाधिकारी की रिपोर्ट पर सरकार ने पाया कि अंचल अधिकारी ने पदीय दायित्व का निर्वहन नहीं किया.
दरअसल, शिवहर के जिलाधिकारी ने पिपराही अंचल की महिला अंचल अधिकारी तरुलता के खिलाफ 27 फरवरी 2025 को आरोप पत्र गठित कर विभागीय कार्यवाही चलाने की सिफारिश की थी . महिला अंचल अधिकारी तरूलता के खिलाफ परिमार्जन आवेदन पर बिना दस्तावेज जांच किए ही, मनगढ़ंत प्रतिवेदन देने, दाखिल खारिज के मामले में भूमि सुधार उपसमाहर्ता शिवहर के पारित आदेश का अनुपालन नहीं करने.वरीय अधिकारी के आदेश की अवहेलना करने, अनुमंडलीय लोग शिकायत निवारण पदाधिकारी के कार्यालय में उपस्थित नहीं होने के साथ-साथ कई अन्य गंभीर आरोप थे. इस आलोक में राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने 5 मई 2025 को आरोपी अंचल अधिकारी तरूलता से स्पष्टीकरण मांगा था .
राजस्व भूमि सुधार विभाग ने अंचल अधिकारी तरूलता के खिलाफ आरोप पत्र में अंकित आरोप, उनसे मिले जवाब की समीक्षा की. जिसमें पाया गया की अंचल अधिकारी तरूलता ने पदीय दायित्व के निर्वहन में चूक की है. यह उनकी मनमानी , स्वेच्छाचारिता एवं अनुशासनहीनता को दर्शाता है. ऐसे में संचई प्रभाव के बिना एक वेतन वृद्धि पर रोक का दंड अधिरोपित किया गया है.