कटिहार सदर अस्पताल में सांप के काटने से महिला की मौत, परिजनों ने डॉक्टरों पर लगाया लापरवाही का आरोप कायमनगर में महिला चौपाल: सोनाली सिंह ने सुनीं महिलाओं की समस्याएं, दी माई-बहिन मान योजना की जानकारी सनातन जोड़ो यात्रा के तीसरे चरण में उमड़ा जनसैलाब, राजकुमार चौबे बोले..बक्सर बन सकता है अयोध्या-काशी से भी आगे पैतृक गांव महकार में केंद्रीय मंत्री जीतनराम मांझी ने सादगी से मनाया अपना बर्थडे, हम कार्यकर्ताओं ने दी जन्मदिन की बधाई IRCTC New Rule: 1 अक्टूबर से ऑनलाइन टिकट बुकिंग में बड़ा बदलाव, आधार को लेकर सामने आई नई बात; जानिए.. नया नियम IRCTC New Rule: 1 अक्टूबर से ऑनलाइन टिकट बुकिंग में बड़ा बदलाव, आधार को लेकर सामने आई नई बात; जानिए.. नया नियम बड़हरा से अजय सिंह की पहल पर अयोध्या के लिए रवाना हुआ 16वां जत्था, अब तक 2850 श्रद्धालु कर चुके रामलला के दर्शन Bihar News: बिहार में ससुराल जा रहे युवक की सड़क हादसे में मौत, दो महीने पहले हुई थी शादी Bihar News: बिहार में ससुराल जा रहे युवक की सड़क हादसे में मौत, दो महीने पहले हुई थी शादी Bihar News: बिहार में इंजीनियरिंग और पॉलिटेक्निक के टॉपर्स को लैपटॉप देगी सरकार, इंजीनियर्स डे पर मंत्री ने की घोषणा
1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sat, 11 Jan 2025 04:32:31 PM IST
सफलता की कहानी - फ़ोटो google
Success Story: देश का हर युवा चाहता है कि वह सबसे बड़े पद पर पहुंचकर देश को अपनी सेवा दें और इसके लिए यह सबसे कठिन परीक्षा में भी सफल होना चाहता हा। ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे पुलिस अधिकारी की कहानी बताने वाले हैं जो पैदा तो IAS और IPS की फैक्ट्री यानी बिहार में हुए लेकिन, अपनी ख़ास स्टाइल से पूरे देशभर में अलग पहचान बना चुके हैं और अब योगी सरकार को सुरक्षा दे रहे हैं।
दरअसल, तमिलनाडु कैडर के 1990 बैच के आईपीएस अधिकारी रह चुके प्रशांत कुमार की गिनती तेज तर्रार पुलिस अधिकारियों में होती है हालांकि अपने कारनामों से लगातार चर्चा में रहने वाले प्रशांत कुमार इस समय उत्तर प्रदेश के डीजीपी हैं। प्रशांत कुमार को पुलिस विभाग में एनकाउंटर स्पेशलिस्ट भी कहा जाता है।
प्रशांत कुमार मूल रूप से बिहार के सीवान के रहने वाले हैं। उनका जन्म 16 मई 1965 को हुआ था। वे शुरू से पढ़ाई में भी अव्वल रहे हैं। उनके पास 3-3 मास्टर डिग्रियां हैं। वहीं, डिजास्टर मैनेजमेंट से एमबीए कर चुके हैं। वे अप्लाइड जूलॉजी में एमएससी कर चुके हैं। साथ ही डिफेंस और स्ट्रैटेजिक स्टडीज में एफफिल की डिग्री भी हासिल कर चुके हैं।
तमिलनाडु कैडर से तबादला करवाने के बाद उन्होंने 1994 में यूपी कैडर ज्वाइन किया था। क्राइम के खिलाफ कई बड़े फैसले लेकर वह चर्चा में आ चुके हैं। पुलिस विभाग में उन्हें असली सिंघम के तौर पर जाना जाता हैं। प्रशांत कुमार दिल्ली के मेट्रो अस्पताल के डॉक्टर श्रीकांत गौड़ का अपहरण के बाद चर्चा में आए थे। अपहरण कांड में संलिप्त अपराधीयों ने गौड़ को छोड़ने के एवज में 5 करोड़ की फिरौती मांगी गई थी।
प्रशांत कुमार ने न केवल गौड़ को सकुशल छुड़वा लिया, बल्कि बदमाशों को सलाखों के पीछे डालने में भी अहम भूमिका निभाई थी। उस समय प्रशांत कुमार 2017 में मेरठ जोन के एडीजी के तौर पर थे। गौड़ किडनैपिंग केस को सॉल्व करने के बाद काफी चर्चा में आए थे। प्रशांत कुमार अब तक चार बार बहादूरी पुरस्कार हासिल कर चुके हैं। उन्हें 2020, 2021, 2022 और 2023 में लगातार चार बार राष्ट्रपति से पुलिस मेडल मिल चुका है। वह वर्तमान में यूपी के डीजीपी हैं और योगी सरकार को सुरक्षा दे रहे है।