ब्रेकिंग न्यूज़

NDA में सीट बंटवारा: चिराग का मामला सुलझा, आज होगी मांझी और उपेंद्र कुशवाहा से फाइनल बातचीत बिहार विधानसभा चुनाव 2025: जदयू के दो बड़े नेता संतोष और अजय कुशवाहा ने छोड़ी पार्टी, राजद में होने की संभावना Road Accident: तेज रफ्तार ट्रक की चपेट में आने से छात्र की मौत, आक्रोशित ग्रामीणों ने सड़क जाम कर खूब किया हंगामा National Postal Day: खत से कनेक्शन तक, जानें कैसे बदल गया संचार BIHAR ELECTION : बुर्का पहनकर वोटिंग करने वाली महिलाओं के लिए चुनाव आयोग का आदेश आया सामने; अब इन डॉक्यूमेंट के सहारे भी कर सकते हैं वोटिंग Bihar Elections 2025: 'सफेद शर्ट में मूंछ पर ताव दे कर नॉमिनेशन का दंभ भर रहे पूर्व विधायक जी, बड़का नेता दे रखे हैं भरोसा; पर अभी पार्टी दफ्तर से नहीं मिल रहा कोई संदेश; कब बनेगी बात महागठबंधन से बड़ी खबर: कांग्रेस औऱ सहनी की डिमांड से परेशान RJD ने तय किये पहले चरण के उम्मीदवार, आज से देना शुरू करेगी सिंबल Bihar politics news : शाहाबाद और मगध को लेकर BJP ने तैयार की ख़ास रणनीति; इस बार फंस जाएंगे तेजस्वी ! पीके के लिस्ट पर भी हुई अंदरखाने चर्चा Road Accident: तेज रफ्तार स्कॉर्पियो पलटी, चार लोग गंभीर रुप से घायल Kantara Chapter Day 8: ‘कांतारा चैप्टर 1’ बनी साल की दूसरी सबसे बड़ी हिट फिल्म, जानें कितनी हुई कमाई

Bihar Corruption: RCD में हुए 'भ्रष्टाचार' में बेनकाब होंगे कई बड़े 'इंजीनियर', 25 करोड़ से ऊपर पहुंची घोटाले की राशि...कार्रवाई वाली फाइल दौड़ रही

Bihar Corruption: पथ निर्माण विभाग के गया प्रमंडल में हुए घोटाले में कार्यपालक अभियंता की भूमिका संदिग्ध. शुरूआती जांच में घोटाले की राशि 25 करोड़ से ऊपर पहुंची.

1st Bihar Published by: Viveka Nand Updated Thu, 09 Jan 2025 12:42:22 PM IST

Bihar Corruption, विजय सिन्हा, उप मुख्यमंत्री

- फ़ोटो Google

Bihar Corruption: पथ निर्माण विभाग के पथ प्रमंडल-1 गया में करोड़ों की गड़बड़ी की पोल खुली. शुरूआती जांच में कार्यपालक अभियंता रितेश सिन्हा की भूमिका संदिग्ध प्रतीत हो रही है. 1st Bihar/Jharkhand ने जब बड़े खेल का खुलासा किया तो पथ निर्माण विभाग में हड़कंप मच गया. इसके बाद जांच के आदेश दिए गए. गया पथ प्रमंडल -1 गया के कार्यपालक अभियंता से स्पष्टीकरण की मांग की गई. विभागीय सूत्र बताते हैं कि शुरूआती जांच में गया के कार्यपालक अभियंता संदेह के दायरे में है. जांच में यह बात सामने आ रही है कि लगभग 25-26 करोड़ की सरकारी राशि का बंदरबांट किया गया है. सचिवालय में कार्रवाई से संबंधित फाइल दौड़ रही है. विभाग को अब इस मामले में आगे का निर्णय लेना है. बताया जाता है कि इस बड़े खेल में वर्तमान कार्यपालक अभियंता से लेकर पूर्व के कार्यपालक-अधीक्षण अभियंता शक के दायरे में हैं.  

बता दें, 1ST Bihar/Jharkhand  के खुलासे के बाद 27 दिसंबर 2024 को पथ प्रमंडल गया के कार्यपालक अभियंता से शो-कॉज पूछा गया था.1ST Bihar/Jharkhand ने 25 दिसंबर 2024 को प्रमाण के साथ खुलासा किया कि पथ निर्माण विभाग के पथ प्रमंडल सं-1 गया में फर्जीवाड़ा कर करोड़ों-करोड़ का घोटाला हुआ है. आंतरिक खुलासा खुद गया के कार्यपालक अभियंता ने ही कराया, पर दबाकर बैठे रहे. मकसद वसूली करना था. पथ प्रमंडल-1 गया के कार्यपालक अभियंता ने 6 अगस्त 2024 को पत्र सं.1257 के माध्यम से पाकुड़ (झारखंड) के खनन अफसर को पत्र लिखा. जिसमें इनके कार्यालय (खनन कार्यालय पाकुड) से जारी कुल 6 पत्रों को सत्यापित करने को कहा. पत्र सं-312/M,06.04.2015, 370/M 24.04.2015, 408/M 14.05.15, 379/M 02.05.2015, 398/M 13.05.2015 एवं 13.05.2015 DATE 13.05.2015 (सभी पत्र 2015 के हैं) को सत्यापित करने को कहा. पाकुड के खनन कार्यालय से सत्यापित करने को कहा गया कि यह चिट्ठी आपके कार्यालय से जारी हुआ है या नहीं ? पथ प्रमंडल गया के कार्यपालक अभियंता ने बजाप्ता अपने एक सहायक अभियंता निशांत राज को इस काम के लिए प्राधिकृत किया था.  

पाकुड के खनन अधिकारी ने 8 अगस्त 2024 को ही दिया था जवाब

पथ प्रमंडल-1 गया के कार्यपालक अभियंता के पत्र संख्या 1257 के आलोक में जिला खनन पदाधिकारी पाकुड़ (झारखंड) ने 8 अगस्त 2024 को जवाब भेजा। जिसमें जानकारी दी गई है कि उपरोक्त सभी पत्र कार्यपालक अभियंता पथ प्रमंडल -1 गया को निर्गत नहीं है। पाकुड के खनन पदाधिकारी ने स्पष्ट कर दिया कि जिस 6 पत्रों के बारे में उल्लेख किया गया है, वह उनके कार्यालय से जारी नहीं है, यानि उपरोक्त सभी पत्र फर्जी हैं। 

Extra कैरेज कॉस्ट के रूप में करोड़ों का हुआ भुगतान 

बता दें, आरोप है कि फर्जी पत्र लगवाकर पथ प्रमंडल-1 गया ने किसी ### कंस्ट्रक्शन कंपनी को करोड़ों रु (extra कैरेज कॉस्ट) का भुगतान किया है। E.E. गया और पाकुड़ के खनन अफसर के बीच हुए पत्राचार का दोनों पत्र हमारे पास  मेरे पास है। इसके बाद पूरे मामले की शिकायत मुख्यमंत्री कार्यालय से भी की गई,लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। पूरा मामला  Extra कैरेज कॉस्ट का भुगतान का है. झारखंड के पाकुड खनन कार्यालय का फर्जी पत्र लगाकर 2015-16 में करोड़ों का भुगतान लेने की बात है. शिकायत दर्ज कराई गई है कि सड़क निर्माण में लगने वाले पत्थर को झारखंड से लाने का फर्जी पत्र स्वीकार कर पथ प्रमंडल गया-1 के कार्यपालक अभियंता ने निर्माण कंपनी को Extra कैरेज कॉस्ट का भुगतान किया. 

मामले को दबाकर बैठे रहे कार्यपालक अभियंता रितेश सिन्हा 

खुलासे के बाद पथ प्रमंडल गया-1 के कार्यपालक अभियंता रितेश सिन्हा मामले को दबाकर चुप्पी साधे बैठे रहे. हमने उनसे भी पूछा तो उनके पास जवाब नहीं था, वे बचते दिख रहे थे.बचने के लिए फोन अपने सहायक अभियंता को थमा दिया था. सहायक अभियंता ने कहा कि यह मामला कार्यपालक अभियंता के क्षेत्राधिकार में है. यानि जवाब न देकर पूरे मामले को दबाने की कोशिश की गई। वहीं पथ निर्माण विभाग गया अंचल के अधीक्षण अभियंता भी पूरे खेल को जान रहे थे.  हमने उनसे भी पूछा, वे भी इस मसले पर चुप हो गए. उनसे पूछा गया कि इस मामले पर क्या कार्रवाई होगी ? इस सवाल का जवाब उनके पास नहीं था. ऐसा लग रहा था कि वे भी इस पूरे खेल में शामिल हों.