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BIHAR: विशेष सर्वेक्षण कर्मियों को 3 सितंबर तक योगदान का अंतिम मौका, अबतक 4000 से अधिक लौटे

विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि 03 सितंबर तक योगदान देने का अवसर केवल उन कर्मियों के लिए मान्य होगा जिनकी सेवा समाप्त करने का आदेश अबतक जारी नहीं हुआ है। जो कर्मी हड़ताल के दौरान अनुशासनहीनता में संलिप्त पाए गए हैं, उनके खिलाफ अलग से सेवा समाप्ति..

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Mon, 01 Sep 2025 04:38:26 PM IST

बिहार

16 अगस्त से हड़ताल जारी - फ़ोटो सोशल मीडिया

PATNA: राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग (भू-अभिलेख एवं परिमाप निदेशालय) ने विशेष सर्वेक्षण संविदा कर्मियों के हड़ताल से लौटने की समय सीमा को बढ़ाते हुए 03 सितंबर की शाम 5 बजे तक का अंतिम अवसर दिया है। विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि इस तिथि के बाद किसी भी परिस्थिति में योगदान की समय सीमा नहीं बढ़ाई जाएगी और न ही उक्त तिथि के बाद लौटने वाले कर्मियों को कार्य पर रखने पर विचार होगा।


निदेशालय की ओर से बताया गया है कि 16 अगस्त से तथाकथित संघ के आह्वान पर विशेष सर्वेक्षण सहायक बन्दोबस्त पदाधिकारी, विशेष सर्वेक्षण कानूनगो, विशेष सर्वेक्षण अमीन एवं विशेष सर्वेक्षण लिपिक हड़ताल पर थे। इस बीच विभाग द्वारा लगातार अपील और सख्ती के बाद हड़ताल तोड़कर 30 अगस्त की अपराह्न तक 4000 से अधिक संविदा कर्मियों ने अपने-अपने बंदोबस्त कार्यालयों में योगदान दे दिया है। विभाग द्वारा सभी का योगदान स्वीकार भी कर लिया गया है।


विभाग ने यह भी स्पष्ट किया है कि 03 सितंबर तक योगदान देने का अवसर केवल उन कर्मियों के लिए मान्य होगा जिनकी सेवा समाप्त करने का आदेश अबतक जारी नहीं हुआ है। जो कर्मी हड़ताल के दौरान अनुशासनहीनता में संलिप्त पाए गए हैं, उनके खिलाफ अलग से सेवा समाप्ति की कार्रवाई की जा रही है।


निदेशालय के अनुसार, अनेक हड़ताली कर्मियों ने लिखित शिकायत की है कि हड़ताल से लौटने की इच्छा जताने पर उन्हें अपने ही साथियों की ओर से धमकी दी जा रही है और दबाव डाला जा रहा है कि वे हड़ताल पर ही बने रहें। इस तरह की शिकायतों को गंभीरता से लिया गया है और दोषी पाए जाने वालों पर कठोर कार्रवाई की जा रही है।


विभाग ने कर्मियों से अपील की है कि वे किसी भी तरह के दबाव या अफवाह में न आएं और 03 सितंबर की निर्धारित समय सीमा के भीतर योगदान देकर अपनी सेवाएं सुरक्षित करें। साथ ही यह भी संदेश दिया गया है कि हड़ताल से लौटने वाले कर्मियों को किसी तरह की परेशानियों से बचाने के लिए प्रशासनिक स्तर पर सख्ती बरती जा रही है।