Bihar Cyber Fraud : 4 करोड़ साइबर फ्रॉड में हरियाणा EOU का बिहार में छापा, महिला गिरफ्तार; पति फरार

हरियाणा के फरीदाबाद से आई आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम ने साइबर ठगी के एक बड़े मामले में बिहार के शेखपुरा जिले से एक महिला को गिरफ्तार कर सनसनी फैला दी है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Sun, 28 Dec 2025 07:35:50 AM IST

Bihar Cyber Fraud : 4 करोड़ साइबर फ्रॉड में हरियाणा EOU का बिहार में छापा, महिला गिरफ्तार; पति फरार

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Bihar Cyber Fraud : हरियाणा के फरीदाबाद से आई आर्थिक अपराध इकाई (ईओयू) की टीम ने साइबर ठगी के एक बड़े मामले में बिहार के शेखपुरा जिले से एक महिला को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार महिला की पहचान शेखपुरा शहर के हसनगंज मोहल्ला निवासी गुड़िया देवी के रूप में हुई है, जो सुरेंद्र कुमार की पत्नी है। पुलिस कार्रवाई के दौरान महिला का पति मौके से फरार हो गया, जिसकी तलाश जारी है। कोर्ट में पेशी के बाद हरियाणा पुलिस गुड़िया देवी को अपने साथ फरीदाबाद ले गई है।


सदर थानाध्यक्ष धर्मेंद्र कुमार ने बताया कि यह मामला फरीदाबाद के सारन थाना क्षेत्र से जुड़ा है। पीड़ित इंद्रपाल वर्मा, निवासी सारन थाना क्षेत्र, को स्टॉक मार्केट में निवेश कर पैसा दोगुना करने का झांसा देकर करीब चार करोड़ रुपये की ठगी का शिकार बनाया गया था। ठगी की यह वारदात फरीदाबाद निवासी रुपम नामक व्यक्ति ने अपने सहयोगियों के साथ मिलकर अंजाम दी थी।


पुलिस जांच में यह बात सामने आई कि शेखपुरा के हसनगंज से गिरफ्तार गुड़िया देवी की एक बहन फरीदाबाद में रहती है और उसका घर जालसाज रुपम के घर के पास ही है। इसी रिश्ते और भरोसे का फायदा उठाकर ठगी की रकम को अलग-अलग खातों में ट्रांसफर किया गया। जांच में पता चला कि ठगी की गई राशि में से 80 लाख रुपये शेखपुरा में रहने वाली गुड़िया देवी के बैंक खाते में भेजे गए थे।


पुलिस के अनुसार, इस पूरे ठगी कांड का मास्टरमाइंड नालंदा जिले के नूरसराय निवासी सर्वजीत कुमार है। सर्वजीत ने ही स्टॉक एक्सचेंज में निवेश कर कम समय में रकम दोगुनी करने का आइडिया दिया था और इसके जरिए पीड़ित को जाल में फंसाया गया। मामले की गंभीरता को देखते हुए हरियाणा पुलिस ने विशेष जांच टीम (एसआईटी) का गठन किया था, जिसके बाद ठगी की पूरी परतें धीरे-धीरे खुलती चली गईं।


गिरफ्तार गुड़िया देवी ने पुलिस के सामने अपनी सफाई पेश करते हुए कहा कि वर्ष 2024 में उसकी बहन ने 80 लाख रुपये उसके खाते में भेजे थे। उसके अनुसार, बहन के बेटे को कैंसर होने की जानकारी मिलने के बाद उसने वह पूरी रकम बहन को वापस कर दी थी। गुड़िया देवी का दावा है कि उसे इस बात की कोई जानकारी नहीं थी कि यह पैसा ठगी का है या उसकी बहन ने यह राशि कहां से और किस माध्यम से उसके खाते में भिजवाई थी। उसने यह भी बताया कि उसका बैंक खाता शेखपुरा के चांदनी चौक स्थित बंधन बैंक में है।


फरीदाबाद से आई पुलिस टीम में शामिल दारोगा विनोद कुमार ने बताया कि 28 अगस्त 2024 को पीड़ित इंद्रदेव वर्मा द्वारा सारन थाना में चार करोड़ रुपये की ठगी का मामला दर्ज कराया गया था। लंबी जांच-पड़ताल और तकनीकी साक्ष्यों के आधार पर जब मुख्य आरोपी रुपम की गिरफ्तारी हुई, तब पूरे नेटवर्क का खुलासा हो सका। पूछताछ में सामने आया कि ठगी की रकम को छिपाने और घुमाने के लिए तीन लोगों—अभिषेक कुमार, शेखपुरा की गुड़िया देवी और रूपा कुमारी—के बैंक खातों का इस्तेमाल किया गया था।


पुलिस ने यह भी स्पष्ट किया है कि इस मामले में गुड़िया देवी के पति सुरेंद्र कुमार को भी अभियुक्त बनाया गया है। पति की भूमिका की जांच की जा रही है और उसकी गिरफ्तारी के लिए छापेमारी जारी है। हरियाणा पुलिस का कहना है कि ठगी की रकम की रिकवरी और नेटवर्क से जुड़े अन्य लोगों की पहचान के लिए आगे भी कार्रवाई की जाएगी। इस मामले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया है कि साइबर ठग किस तरह भोले-भाले लोगों को बड़े मुनाफे का लालच देकर करोड़ों की ठगी कर रहे हैं।