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1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 12 Nov 2025 12:18:54 PM IST
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PMCH Patna : बिहार के सबसे बड़े सरकारी अस्पताल पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल (पीएमसीएच) से जुड़ी एक बड़ी और राहत देने वाली खबर सामने आई है। ईएनटी यानी नाक, कान और गला संबंधी बीमारियों से जूझ रहे मरीजों के लिए अब इलाज की आधुनिक सुविधा उपलब्ध हो गई है। मंगलवार को पीएमसीएच में बने विश्वस्तरीय अस्पताल के पहले फेज में 30 बेड के ईएनटी रोग विभाग के इंडोर वार्ड का शुभारंभ किया गया। इस वार्ड के शुरू हो जाने से न केवल मरीजों को बेहतर चिकित्सा सुविधा मिलेगी, बल्कि अस्पताल में भीड़ का दबाव भी कम होगा।
नये वार्ड का शुभारंभ, पहले ही दिन भर्ती हुए कई मरीज
मंगलवार को अस्पताल के अधीक्षक डॉ. आई. एस. ठाकुर और चर्म रोग विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. अनुपमा सिंह की देखरेख में इस वार्ड का उद्घाटन किया गया। उद्घाटन के बाद पहले ही दिन सात से अधिक मरीजों को यहां भर्ती किया गया। इन मरीजों में ऐसे लोग शामिल हैं, जो लंबे समय से गले, कान या नाक संबंधी गंभीर समस्याओं से जूझ रहे थे।
डॉ. ठाकुर ने बताया कि पहले ईएनटी विभाग का इंडोर वार्ड पुराने भवन में, अधीक्षक कार्यालय के सामने स्थित था। लेकिन अब इस वार्ड को नवनिर्मित विश्वस्तरीय भवन में स्थानांतरित कर दिया गया है, ताकि मरीजों को बेहतर और स्वच्छ माहौल में इलाज मिल सके। उन्होंने कहा कि अस्पताल प्रशासन लगातार मरीजों के लिए सुविधाओं को अपग्रेड करने में जुटा हुआ है।
इन बीमारियों का होगा इलाज
नये ईएनटी इंडोर वार्ड में अब गले की गिलटी, टेढ़ी नाक (Deviated Nasal Septum), कान के पर्दे में छेद (Perforated Eardrum) और अन्य जटिल बीमारियों का इलाज आधुनिक तकनीक से किया जाएगा। डॉक्टरों के मुताबिक, अब मरीजों को पहले की तरह पुराने वार्ड में सीमित संसाधनों में इलाज नहीं कराना पड़ेगा। यहां अत्याधुनिक ऑपरेशन थिएटर, मॉनिटरिंग सिस्टम और आवश्यक चिकित्सा उपकरणों की सुविधा दी गई है।
डॉ. आई. एस. ठाकुर ने बताया कि नये वार्ड में वेंटिलेशन, एयर कंडीशनिंग, डिजिटल रिकॉर्ड सिस्टम और रोगियों की निगरानी के लिए इलेक्ट्रॉनिक बेड मॉनिटर की व्यवस्था की गई है। इससे मरीजों की देखभाल आसान और सटीक होगी।
पीएमसीएच में लगातार बढ़ रही आधुनिक सुविधाएं
गौरतलब है कि पटना मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल को विश्वस्तरीय बनाने के तहत कई चरणों में नये भवन और विभाग तैयार किए जा रहे हैं। पिछले महीने ही 270 बेड वाले मेडिसिन इंडोर वार्ड की सुविधा शुरू की गई थी। यह वार्ड अस्पताल के दूसरे और चौथे फ्लोर पर बनाया गया है। इसमें एसी कमरे, ऑक्सीजन पाइपलाइन, डिजिटल मॉनिटरिंग और अत्याधुनिक उपकरणों की सुविधा दी गई है।
इसी तरह हाल ही में 40 बेड वाले स्किन रोग विभाग के नये इंडोर वार्ड की भी शुरुआत की गई है। इससे चर्म रोग से पीड़ित मरीजों को बेहतर इलाज मिल रहा है। साथ ही, अस्पताल में 200 गाड़ियों की नई पार्किंग सुविधा भी शुरू की गई है, जिससे मरीजों और उनके परिजनों को अब वाहन खड़ा करने में परेशानी नहीं होगी।
फैकल्टी और छात्रों के लिए नई बिल्डिंग
अस्पताल प्रशासन ने फैकल्टी डॉक्टरों और छात्रों की सुविधा को ध्यान में रखते हुए मेडिसिन, गायनी और शिशु रोग विभाग के लिए नया लेक्चर भवन भी शुरू किया है। इससे डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों को बेहतर प्रशिक्षण वातावरण मिलेगा।
डॉ. ठाकुर ने बताया कि पीएमसीएच का नया भवन पूरी तरह आधुनिक तकनीक से लैस है। सभी वार्डों में एसी की सुविधा के साथ-साथ बेहतर हाइजीन और सेफ्टी स्टैंडर्ड्स का पालन किया गया है। नये वार्डों में सेंट्रल ऑक्सीजन लाइन, फायर सेफ्टी सिस्टम और मॉड्यूलर ऑपरेशन थिएटर जैसी सुविधाएं हैं।
मरीजों को मिलेगा बेहतर अनुभव
पीएमसीएच प्रशासन का कहना है कि नए ईएनटी वार्ड से मरीजों को इलाज के दौरान अधिक आराम और सुविधा मिलेगी। पहले ईएनटी विभाग में सीमित बेड और जगह की कमी के कारण मरीजों को काफी परेशानी झेलनी पड़ती थी। लेकिन अब नया वार्ड खुलने से इस विभाग में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या में वृद्धि हो सकेगी।
मरीजों के परिजन भी इस नई पहल से खुश हैं। उनका कहना है कि नए वार्ड में सफाई, प्रकाश और हवा की बेहतर व्यवस्था है। इसके अलावा मरीजों की देखरेख के लिए स्टाफ नर्स और डॉक्टरों की नियमित मौजूदगी से इलाज और भी बेहतर होगा।
पीएमसीएच का लक्ष्य — विश्वस्तरीय अस्पताल
बिहार सरकार और पीएमसीएच प्रशासन का लक्ष्य है कि अगले कुछ वर्षों में इस अस्पताल को पूरी तरह से विश्वस्तरीय रूप दिया जाए। अस्पताल के नये भवन का निर्माण कई चरणों में पूरा किया जा रहा है, जिसमें अत्याधुनिक उपकरण, डिजिटल हेल्थ रिकॉर्ड सिस्टम और बेहतर मरीज सेवाओं की व्यवस्था की जा रही है।
ईएनटी वार्ड के उद्घाटन के साथ ही पीएमसीएच में आधुनिक चिकित्सा सुविधाओं का एक और अध्याय जुड़ गया है। आने वाले समय में अस्पताल के अन्य विभागों में भी नई तकनीक और सुविधाओं को शामिल किया जाएगा, ताकि बिहार के मरीजों को दिल्ली या अन्य राज्यों का रुख न करना पड़े।