पटना में विजयादशमी पर महिलाओं ने खेली सिंदूर की होली, मां दुर्गा को दी विदाई

पटना के कंकड़बाग में विजयादशमी पर बंगाली परंपरा के तहत महिलाओं ने मां दुर्गा को सिंदूर अर्पित कर एक-दूसरे संग सिंदूर होली खेली। यह रस्म सुहाग और समृद्धि का प्रतीक मानी जाती है।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Thu, 02 Oct 2025 02:43:53 PM IST

बिहार

सिंदूर खेला - फ़ोटो REPORTER

PATNA: आज बुराई पर अच्छाई की जीत का पर्व विजयादशमी है। इस दिन जहां एक ओर रावण वध का आयोजन होता है तो वही दूसरी ओर मां दुर्गा की प्रतिमा का विसर्जन किया जाता है। मां को विदाई देने से पहले बंगाली समुदाय की महिलाएं सिदूर की होली खेलती हैं। पटना के कंकड़बाग में गुरुवार को दुर्गा पूजा की दशमी के अवसर पर बंगाली परंपरा के अनुसार महिलाओं ने सिंदूर होली खेली। 


कार्यक्रम की शुरुआत मां दुर्गा की पूजा-अर्चना से हुई, इसके बाद पारंपरिक वेशभूषा में सजी महिलाओं ने एक-दूसरे को सिंदूर लगाकर यह विशेष होली खेली। बंगाली संस्कृति की इस अनोखी परंपरा में बड़ी संख्या में महिलाएं शामिल होती हैं और एक-दूसरे को विजयादशमी की शुभकामनाएं देती हैं। कंकड़बाग में हर साल दशमी के दिन खेली जाने वाली यह सिंदूर होली ऐतिहासिक मानी जाती है।


सिंदूर होली क्या है?

दुर्गा पूजा के आखिरी दिन विजयादशमी के मौके पर बंगाली समुदाय की विवाहित महिलाएं सिंदूर होली खेलती हैं। जिसे सिंदूर खेला भी कहते हैं। यह ऐसा रस्म है जिसमें बंगाली समुदाय की महिलाएं मां दुर्गा को सिंदूर अर्पित करती हैं और एक-दूसरे के माथे पर सिंदूर लगाकर सुख-शांति और समृद्धि की कामना करती हैं, जो दुर्गा पूजा के समापन और मां की विदाई का प्रतीक है।  


क्यों मनाते हैं सिंदूर की होली?

सिंदूर को सुहाग और सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है, इसलिए इस रस्म से महिलाएं अपने वैवाहिक जीवन और परिवार की सुख-शांति और समृद्धि की कामना करती हैं। दुर्गा पूजा के बाद जब देवी मां अपने ससुराल लौटती हैं, तब महिलाएं उन्हें सिंदूर लगाकर विदा करती हैं। ऐसी मान्यता है कि मां की शक्ति परिवार के सदस्यों, विशेषकर बच्चों और पतियों के संकट को दूर करती है। विवाहित बंगाली महिलाएं लाल किनारी वाली सफेद साड़ी पहनकर इस आयोजन में शामिल होती हैं। 


वो पहले दुर्गा मां को सिंदूर चढ़ाती हैं फिर एक-दूसरे को सिंदूर लगाती है और सिंदूर होली खेलती हैं और विजयादशमी की सभी को शुभकामनाएं देती हैं। यह बंगाली संस्कृति का एक अहम हिस्सा है और महिलाओं के लिए भावनाओं से जुड़ा एक पवित्र अनुष्ठान है। ऐसी मान्यता है कि सिंदूर खेलने से देवी दुर्गा का आशीर्वाद घर-परिवार में बना रहता है।



PATNA: PREM-KUMAR