Patna property : पटना में जमीन की खरीद-बिक्री में कमी, जानिए क्या है असली वजह; यह लक्ष्य भी नहीं हो रहा पूरा

पटना सदर इलाके में इस साल दिसंबर माह तक जमीन और फ्लैट की खरीद-बिक्री में कमी दर्ज की गई है। पटना जिला अवर निबंधन कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2025-26 में अप्रैल से दिसंबर (23 तारीख तक) कुल 15,950 दस्तावेज़ का निबंधन हुआ

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 26 Dec 2025 10:11:46 AM IST

Patna property : पटना में जमीन की खरीद-बिक्री में कमी, जानिए क्या है असली वजह; यह लक्ष्य भी नहीं हो रहा पूरा

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Patna property : पटना सदर इलाके में इस साल दिसंबर माह तक जमीन और फ्लैट की खरीद-बिक्री पिछले साल की तुलना में काफी कम रही है। पटना जिला अवर निबंधन कार्यालय के आंकड़ों के अनुसार, वित्तीय वर्ष 2024-25 में दिसंबर माह तक कुल 18,435 दस्तावेजों का निबंधन हुआ था, जिससे 457.20 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त हुआ था। जबकि इस वित्तीय वर्ष 2025-26 में इसी अवधि में केवल 15,950 दस्तावेजों का निबंधन हुआ, जिससे 395.36 करोड़ रुपये का राजस्व ही प्राप्त हो सका। इसका अर्थ यह हुआ कि विभाग द्वारा निर्धारित 714.81 करोड़ रुपये के राजस्व लक्ष्य से लगभग 45 प्रतिशत कम राजस्व ही जुटाया जा सका।


विशेषज्ञों और निबंधन विभाग के अधिकारियों का कहना है कि इस कमी के कई कारण हैं। प्रमुख कारणों में जमीन और फ्लैट की कीमतों में लगातार वृद्धि शामिल है। महंगी होती संपत्ति के कारण आम खरीदार खरीदारी से परहेज कर रहे हैं। इसके अलावा रियल एस्टेट रगुलेटरी अथॉरिटी (RERA) द्वारा हाल ही में लागू किए गए नए नियमों के चलते नए फ्लैट निर्माण में भी कमी आई है। इसका असर सीधे निबंधन विभाग के दस्तावेजों और राजस्व पर पड़ा है।


विशेष रूप से जुलाई माह से दिसंबर तक निबंधन में गिरावट दर्ज की गई। जुलाई में कुल 2,362 दस्तावेजों का निबंधन हुआ, जबकि पिछले साल जुलाई में यह संख्या 2,413 थी। अगस्त में इस साल 1,990 दस्तावेजों का निबंधन हुआ, जो पिछले साल के 2,664 की तुलना में काफी कम है। सितंबर माह में यह संख्या इस साल 1,200 रही, जबकि पिछले साल 2,451 दस्तावेज़ निबंधित हुए थे। इसी तरह अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर (23 तारीख तक) में भी निबंधन में कमी दर्ज की गई।


वित्तीय वर्ष 2025-26 के अप्रैल से दिसंबर (23 तारीख तक) तक माहवार दस्तावेज़ निबंधन और राजस्व इस प्रकार रहा: अप्रैल में 1,834 दस्तावेज़, 56.96 करोड़ रुपये; मई में 2,170 दस्तावेज़, 57.48 करोड़ रुपये; जून में 2,156 दस्तावेज़, 44.37 करोड़ रुपये; जुलाई में 2,362 दस्तावेज़, 51.68 करोड़ रुपये; अगस्त में 1,990 दस्तावेज़, 51.60 करोड़ रुपये; सितंबर में 1,200 दस्तावेज़, 28.71 करोड़ रुपये; अक्टूबर में 1,701 दस्तावेज़, 43.65 करोड़ रुपये; नवंबर में 1,669 दस्तावेज़, 38.87 करोड़ रुपये और दिसंबर (23 तक) में 868 दस्तावेज़, 21.64 करोड़ रुपये।


निबंधन विभाग के अधिकारी इस स्थिति को गंभीरता से देख रहे हैं। उनका कहना है कि यदि कीमतों में स्थिरता नहीं आई और नए फ्लैट निर्माण में तेजी नहीं आई, तो राजस्व लक्ष्य प्राप्त करना मुश्किल होगा। विभाग ने बाजार में बढ़ती संपत्ति कीमतों और नियमों के कारण निवेशकों और आम लोगों को जागरूक करने की योजना बनाई है।


विशेषज्ञों का मानना है कि पटना में संपत्ति बाजार में सुधार के लिए सरकार और रियल एस्टेट कंपनियों को मिलकर कदम उठाने की जरूरत है। नए फ्लैट निर्माण को बढ़ावा देना और कीमतों को संतुलित रखना ही इस क्षेत्र में संपत्ति लेन-देन को बढ़ाने और राजस्व लक्ष्य हासिल करने का तरीका है।


इस वित्तीय वर्ष के आंकड़े यह स्पष्ट करते हैं कि पटना सदर इलाके में संपत्ति बाजार में मंदी का असर निबंधन और राजस्व पर पड़ा है। जुलाई से दिसंबर तक लगातार दस्तावेजों में कमी और इसके परिणामस्वरूप राजस्व में घटतरी, यह संकेत देती है कि खरीदार महंगी संपत्ति खरीदने में असमर्थ हैं। आने वाले महीनों में यदि जमीन और फ्लैट की कीमतों में स्थिरता आती है और नए निर्माण शुरू होते हैं, तो ही राजस्व में सुधार की उम्मीद की जा सकती है।