1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 24 Dec 2025 11:36:31 AM IST
- फ़ोटो
Bihar public transport : पटना की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था अब महानगरों की तर्ज पर नए और आधुनिक स्वरूप में नजर आएगी। राजधानी में चलने वाली सरकारी बसों को जल्द ही रूट नंबर से पहचाना जाएगा। क्षेत्रीय परिवहन प्राधिकरण (आरटीए) इस नई व्यवस्था को तैयार करने और लागू करने की प्रक्रिया में जुट गया है, ताकि यात्रियों को बसों के रूट, समय और ठहराव को लेकर किसी भी तरह की परेशानी न हो। यह बदलाव न सिर्फ यात्रियों की सुविधा बढ़ाएगा, बल्कि शहर की यातायात व्यवस्था को भी अधिक सुव्यवस्थित बनाने में अहम भूमिका निभाएगा।
प्रमंडलीय आयुक्त कार्यालय के अनुसार, पटना में सार्वजनिक परिवहन को आधुनिक और व्यवस्थित बनाने की दिशा में यह एक बड़ा कदम है। नई व्यवस्था के तहत हर सरकारी बस को एक निर्धारित रूट नंबर दिया जाएगा। उस रूट नंबर के जरिए यह स्पष्ट होगा कि बस किस इलाके में जाएगी, उसका समय क्या होगा और वह किन-किन बस स्टॉप पर रुकेगी। इस पूरी जानकारी को बस स्टॉप पर डिस्प्ले बोर्ड के माध्यम से सार्वजनिक किया जाएगा। इससे यात्रियों को सही बस पहचानने में आसानी होगी और अनावश्यक भ्रम की स्थिति खत्म होगी।
फिलहाल गांधी मैदान से शहर के विभिन्न इलाकों के अलावा पटना एम्स, बिहटा और हाजीपुर के लिए करीब 140 सरकारी बसें संचालित हो रही हैं। वर्तमान में कुछ ही रूटों पर सीमित रूप से नंबर दिए गए हैं। उदाहरण के तौर पर 444 नंबर की बस हाजीपुर, 888 नंबर की बस बिहटा, 222 नंबर की बस पटना एम्स और 111-ए नंबर की बस बेली रोड पर चल रही है। हालांकि, ये नंबर व्यवस्था पूरी तरह व्यवस्थित नहीं है और सभी रूटों को कवर नहीं करती। नई योजना के तहत इन रूट नंबरों में बदलाव किया जाएगा और नए मार्गों के लिए भी अलग-अलग नंबर तय किए जाएंगे, ताकि पूरे शहर में एक समान और स्पष्ट व्यवस्था लागू हो सके।
नई व्यवस्था की एक खास बात यह होगी कि बसों का संचालन पूरी तरह बस स्टॉप आधारित होगा। यात्रियों को केवल निर्धारित बस स्टॉप पर ही बस में चढ़ने और उतरने की अनुमति दी जाएगी। किसी अन्य स्थान पर बस रोकने पर ड्राइवर और कंडक्टर पर जुर्माना लगाया जाएगा। इससे मनमानी तरीके से बस रोकने की प्रवृत्ति पर रोक लगेगी। वर्तमान स्थिति यह है कि शहर में 103 सरकारी बस स्टॉप चिह्नित हैं, लेकिन इन पर बसें नियमित रूप से नहीं रुकतीं। कई बार चालक स्टॉप से आगे या पीछे बस रोक देते हैं या यात्रियों के कहने पर कहीं भी बस खड़ी कर देते हैं, जिससे ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं की आशंका बढ़ जाती है।
यातायात विशेषज्ञों का मानना है कि बस स्टॉप आधारित संचालन से न सिर्फ सड़क पर अनुशासन आएगा, बल्कि पैदल यात्रियों और अन्य वाहनों की सुरक्षा भी बढ़ेगी। साथ ही बसों के समय संचालन में भी सुधार होगा, क्योंकि तय स्टॉप पर रुकने से अनावश्यक देरी कम होगी।
सरकारी बसों के साथ-साथ ऑटो और ई-रिक्शा के संचालन में भी बड़े बदलाव की तैयारी की जा रही है। नए साल से ऑटो के लिए जोन वाइज परमिट जारी किए जाएंगे। इसके तहत पूरे शहर को तीन जोन में बांटा गया है और जिस जोन का परमिट मिलेगा, ऑटो उसी क्षेत्र में संचालित हो सकेगा। इससे ऑटो चालकों की मनमानी पर रोक लगेगी और अनावश्यक रूप से एक ही मार्ग पर भीड़ नहीं लगेगी।
वहीं ई-रिक्शा को मुख्य रूप से मोहल्लों और आपसी संपर्क वाली सड़कों तक सीमित रखने की योजना है। उन्हें बड़े और मुख्य मार्गों से दूर रखा जाएगा, ताकि उन सड़कों पर यातायात का दबाव कम हो सके। इससे शहर के व्यस्त मार्गों पर जाम की समस्या से राहत मिलने की उम्मीद है।
प्रमंडलीय आयुक्त अनिमेश कुमार पराशर ने बताया कि परिवहन प्राधिकरण के माध्यम से शहर में चलने वाली सरकारी बसों को पूरी तरह रूट नंबर आधारित किया जाएगा। बस स्टॉप पर यह जानकारी उपलब्ध रहेगी कि किस स्टॉप पर कौन-कौन सी रूट नंबर की बसें रुकेंगी। इसी तरह ऑटो और ई-रिक्शा को भी रूट और जोन के अनुसार व्यवस्थित करने की प्रक्रिया शुरू की जा रही है।
उन्होंने कहा कि यह नई व्यवस्था नए साल से लागू की जाएगी। इसका उद्देश्य पटना की यातायात व्यवस्था को अधिक सुव्यवस्थित, सुरक्षित और जाममुक्त बनाना है। यदि यह योजना सफलतापूर्वक लागू होती है, तो आने वाले समय में पटना की सार्वजनिक परिवहन व्यवस्था बड़े महानगरों की तरह आधुनिक और यात्रियों के अनुकूल नजर आएगी।