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BJP का भ्रष्टाचार मुक्त शासन: नवनियुक्त मंत्री ने विभाग का जिम्मा मिलते ही खायी 'कमीशनखोरी' के आरोपी की मिठाई, आगे क्या होगा ये खुद समझ लीजिये...

Bihar Politics: नगर विकास विभाग के नवनियुक्त मंत्री ने अपने ही महकमे में कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार के बेहद संगीन मामले के आरोपी के हाथों मिठाई खाई. तस्वीर सामने आने के बाद चर्चा शुरू हो गई है कि भाजपा की कथनी और करनी में जमीन-आसमान का अंतर है.

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Fri, 28 Feb 2025 08:01:51 AM IST

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Bihar Politics: बिहार सरकार में सबसे ज्यादा 21 मंत्रियों वाली पार्टी राजकाज कैसे चलायेगी इसकी बानगी सामने आने लगी है. बीजेपी कोटे से एक अहम विभाग की जिम्मेदारी पाने वाले नव नियुक्त मंत्री ने इसकी झलक दिखा दी. सरकार ने मंत्री को 27 फरवरी यानि गुरूवार को विभाग सौंपने की अधिसूचना जारी की. एक बेहद अहम विभाग की जिम्मा मिलते ही मंत्री ने अपने ही महकमे में कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार के बेहद संगीन मामले के आरोपी के हाथों मिठाई खायी. भ्रष्टाचार के खिलाफ रिपोर्ट करने वाले अधिकारी हैरान-परेशान हैं, जब मंत्री जी ही इतना मेहरबान हैं तो कार्रवाई करने की हिम्मत कौन जुटायेगा.

संगीन मामलों के आरोपी पर नगर विकास मंत्री मेहरबान

मामला बिहार सरकार के नगर विकास विभाग का है. इस विभाग के मंत्री नितीन नवीन हुआ करते थे. मंत्रिमंडल के विस्तार के बाद जीवेश मिश्रा को नगर विकास मंत्री बनाया गया है. राज्य सरकार ने 27 फरवरी को जीवेश मिश्रा को नगर विकास मंत्री बनाने की अधिसूचना जारी की. मंत्रियों को विभाग के आवंटन का सरकारी पत्र जारी हुआ और कुछ घंटे बाद ही कई तस्वीर नगर विकास विभाग में तैनात अधिकारियों-कर्मचारियों और महकमे से संबंधित दूसरे लोगों के पास पहुंच गयी. शॉल, चादर और बुके तले दबे मंत्री जी कमीशनखोरी और भ्रष्टाचार के आरोपी के हाथों मिठाई खा रहे हैं. 

पूरा मामला जानिये

दरअसल ये मामला है पटना नगर निगम का. गुरूवार को जीवेश मिश्रा के नगर विकास मंत्री बनने के कुछ घंटे बाद ही उनकी कई तस्वीरें सामने आयीं. इसमें वे पटना नगर निगम में कमीशनखोरी से लेकर भ्रष्टाचार के संगीन मामलों के आरोपी पटना के मेयर पुत्र शिशिर कुमार के मिठाई के डब्बे से मुंह मीठा कर रहे हैं. ऐसी एक नहीं कई तस्वीरें आयीं. किसी में मंत्री जीवेश मिश्रा शिशिर कुमार के हाथों मिठाई खा रहे हैं तो किसी में मंत्री जी शिशिर कुमार के साथ हमसाया बनकर खड़े हैं. 

नगर विकास अधिकारियों के पास जानबूझ कर भेजी गयीं तस्वीरें

पटना नगर निगम की मेयर के पुत्र शिशिर कुमार पर भ्रष्टाचार और कमीशनखोरी का आरोप किसी विपक्षी पार्टी ने नहीं लगाया है. बल्कि नगर विकास विभाग के बड़े अधिकारी इस संबंध में राज्य सरकार को पत्र लिख चुके हैं. नगर विकास विभाग में शिशिर कुमार के खिलाफ लगे आरोपों की जांच हो रही है लेकिन नये मंत्री जी ने पहले ही मुंह मीठा कर लिया.

शिशिर कुमार के हाथों मुंह मीठा करते मंत्री की तस्वीरें न सिर्फ सोशल मीडिया पर फैलायी गयीं बल्कि चुन-चुन कर नगर विकास विभाग के अधिकारियों और कर्मचारियों के मोबाइल पर भेजा गया. विभाग के अधिकारी ने फर्स्ट बिहार से ऑफ दि रिकार्ड बताया कि उनके मोबाइल पर गुरूवार की शाम जब ये तस्वीर वाट्सएप के जरिये भेजी गयी तो वे हैरान रह गये. अधिकारी ने कहा-मेरे पास ये तस्वीर भेजने का कोई कारण नहीं था, लेकिन शायद ये मैसेज दिया जा रहा था कि मंत्री जी ने मुंह मीठा कर लिया है. अब पुराना सारा मामला खत्म.

मेयर पुत्र शिशिर कुमार पर संगीन आरोप

पटना नगर निगम की मेयर सीता साहू के बेटे शिशिर कुमार के कारनामों से त्रस्त होकर पटना के नगर आय़ुक्त नगर विकास विभाग को कई दफे पत्र लिख चुके हैं. इन पत्रों में शिशिर कुमार के कारनामों की विस्तार से जानकारी दी जा चुकी है. नगर निगम प्रशासन राज्य सरकार को साफ साफ कह चुका है कि मेयर सीता साहू के बेटे और बीजेपी नेता शिशिर कुमार ने लूट की सारी हदें पार कर दी हैं. नगर विकास विभाग से ये गुहार लगाई जा चुकी है कि पटना नगर निगम में टेंडर से लेकर एजेंसी चुनने का काम राज्य सरकार खुद करे. अगर पटना नगर के जिम्मे ये काम सौंपा गया तो मेयर के बेटे को पैसा वसूलने का मौका मिलेगा. 

एक महीने पहले ही नगर आय़ुक्त ने लिखा था पत्र

ठीक एक महीने पहले यानि 28 जनवरी 2025 को पटना नगर आयुक्त ने राज्य  सरकार को पत्र लिखकर कहा था- “ये सूचना मिली है कि महापौर पुत्र शिशिर कुमार द्वारा पटना नगर निगम के विभिन्न वेंडर के अवधि का एक्सटेंशन के नाम से बलपूर्वक राशि की वसूली की जाती है. मेयर के बेटे की डिमांड पूरी होने के बाद ही एक्सटेंशन दिया जाता है. नगर निगम में काम करने वाले कुछ चुने हुए वेंडरों को ही कार्य-विस्तार (एक्सटेंशन) दिया जाता है.” नगर आयुक्त ने राज्य सरकार को बताया था कि पटना नगर निगम के लिए काम कर रहे वेंडरों को एक्सटेंशन देने के लिए पटना नगर निगम कार्यालय द्वारा सशक्त स्थायी समिति के समक्ष अगस्त माह में ही प्रस्ताव रखा गया था,  लेकिन  इस पर कोई निर्णय नहीं लिया गया. नगर आयुक्त ने लिखा था- मेयर के बेटे ने वेंडरों से इस अवैध राशि की माँग की थी. लेकिन एजेंसी ने पैसा नहीं दिया तो  एक्सटेंशन पर कोई निर्णय नहीं लिया गया.

पटना नगर निगम में बेहिसाब लूट

नगर आयुक्त ने सरकार को भेजे गये अपने पत्र में कहा था कि पटना नगर निगम का हाल ये है कि पिछले कई महीने से सशक्त स्थायी समिति की बैठक भी नहीं की गई है. निगम के सारे बड़े फैसले इसी समिति को करना है लेकिन बैठक ही नहीं की जा रही है. नगर निगम के लिए काम कर रही एजेंसी की समय सीमा समाप्त हो जाने के बाद भी सशक्त स्थाई समिति द्वारा बैठक नहीं किए जाने से सारा काम बाधित हो रहा है.

कई अहम काम रुका

नगर आयुक्त ने अपने पत्र में लिखा था- नगर निगम का हाल ये है कि अहम काम करने के लिए नई एजेंसी का चयन भी नहीं हो पा रहा है. मैनपॉवर और ड्राइविंग एजेंसी का कार्यकाल समाप्त हो गया है. नगर आयुक्त द्वारा सशक्त स्थाई समिति को इस संबंध में फाइल भेजी गई लेकिन इसके बाद भी इसे कार्य सूची में भी शामिल नहीं किया गया.

राज्य सरकार खुद कराए काम

नगर आयुक्त ने नगर विकास विभाग को प्रस्ताव भेजा था कि अब से टेंडर के दौरान ही किसी एजेंसी की कार्य-अवधि निर्धारित कर दी जाए और एक्सटेंशन की प्रक्रिया को समाप्त कर दिया जाय. नगर आय़ुक्त ने पटना नगर निगम में मेयरपुत्र शिशिर कुमार की अवैध वसूली रोकने के लिए एजेंसी के एक्सटेंशन का अधिकार नगर विकास विभाग को देने का प्रस्ताव भी राज्य सरकार को भेजा है. 

खुलेआम पैसे मांगते हैं शिशिर कुमार

नगर आय़ुक्त ने राज्य सरकार को सूचित किया ता कि नगर निगम में काम कर रही एजेंसी के कर्मियों द्वारा लगातार यह आरोप लगाया गया है कि महापौर पुत्र शिशिर कुमार द्वारा पैसे की मांग की जा रही है. लगातार ये शिकायत मिली है कि शिशिर कुमार अवैध रूप से नगर निगम की गतिविधियों में शामिल रहते है और कार्यालय में निजी स्वार्थ के लिये दवाब बनाते है.

नगर विकास विभाग कर रहा है जांच

नगर आय़ुक्त जैसे बड़े अधिकारी के इन आरोपों के बाद नगर विकास विभाग पटना के मेयर के कार्यकलापों की आंतरिक जांच भी करा रहा है. हालांकि बाद में शिशिर कुमार ने तत्कालीन नगर विकास मंत्री नितीन नवीन पर ही गुटबाजी समेत दूसरे कई आरोप लगा दिये थे. लेकिन अब नगर विकास विभाग के मंत्री पद से नितीन नवीन की विदाई हो गयी है. नये मंत्री जी ने आते ही शिशिर कुमार के हाथों मुंह मीठा कर लिया है. फिर आगे क्या कार्रवाई होगी, इसका अंदाजा लगाना मुश्किल नही है. 

अनभिज्ञ नहीं है मंत्री जी

हम आपको ये भी बता दें कि पटना नगर निगम में हो रहे खेल से नव नियुक्त मंत्री जीवेश मिश्रा अनभिज्ञ नहीं हैं. शिशिर कुमार बीजेपी के नेता हैं. वे बिहार बीजेपी के प्रदेश कार्यसमिति के सदस्य हैं. उन पर जब नगर आयुक्त ने आरोप लगाया और फिर जब शिशिर कुमार ने अपनी ही पार्टी से आने वाले मंत्री नितीन नवीन पर निशाना साधा था तो पार्टी के अंदर खूब चर्चा हुई थी. लिहाजा बीजेपी का कोई नेता शिशिर कुमार और उनके कारनामों से अनभिज्ञ नहीं है.