Ganga Water Metro: पटना पर्यटन में नई शुरुआत, गंगा वाटर मेट्रो सेवा जल्द शुरू

Ganga Water Metro: दशहरा के अवसर पर गंगा नदी में पर्यटकों के लिए पर्यटन विभाग द्वारा वाटर मेट्रो सेवा शुरू करने की योजना थी, लेकिन विभिन्न तकनीकी और प्रक्रियात्मक कारणों से इसका शुभारंभ टल गया।

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Tue, 23 Dec 2025 09:31:30 AM IST

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पटना न्यूज - फ़ोटो GOOGLE

Ganga Water Metro: दशहरा के अवसर पर गंगा नदी में पर्यटकों के लिए पर्यटन विभाग द्वारा वाटर मेट्रो सेवा शुरू करने की योजना थी, लेकिन विभिन्न तकनीकी और प्रक्रियात्मक कारणों से इसका शुभारंभ टल गया। इसके बाद कई त्योहार बीत गए, जैसे क्रिसमस और प्रकाशपर्व, और वर्ष 2025 भी अपनी अंतिम चरण में है।


लंबे इंतजार के बाद नव वर्ष 2026 के जनवरी में गंगा में वाटर मेट्रो शुरू करने की तैयारी अंतिम चरण में है। कोलकाता के हावड़ा में हुगली नदी के तट पर हुगली कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा 12 करोड़ रुपये की लागत से तैयार इलेक्ट्रॉनिक जहाज एमवी-गोमधरकुंवर गायघाट स्थित बंदरगाह के समीप गंगा में पहुंच चुका है।


भारतीय अंतरदेशीय जलमार्ग प्राधिकरण (IWAI) पटना के निदेशक अरविंद कुमार ने बताया कि वाटर मेट्रो के लिए आए जहाज की तकनीकी जांच हो चुकी है और गंगा में इसका ट्रायल सफलतापूर्वक किया गया। संचालन के लिए आवश्यक रजिस्ट्रेशन और सर्वे प्रमाण पत्र पश्चिम बंगाल सरकार से प्राप्त होना शेष है। जहाज की जांच कर प्रमाणन करने वाली इंडियन रजिस्टर ऑफ शिपिंग (IRS) से सर्वे रिपोर्ट मिल चुकी है, लेकिन प्रमाण पत्र मिलने का इंतजार है।


आईडब्ल्यूएआई के निदेशक ने बताया कि दीघा घाट से कंगन घाट के बीच वाटर मेट्रो सेवा शुरू करने के लिए तैरते सामुदायिक जेटी पर इलेक्ट्रॉनिक जहाज के लिए चार्जिंग प्वाइंट लगाया जाएगा। यह कार्य बिहार सरकार द्वारा किया जाएगा। जहाज दीघा घाट से रवाना होगा और एनआईटी घाट पर पहली बार चार्ज होगा। इसके बाद यह कंगन घाट जाएगा और लौटकर एनआईटी घाट पर फिर चार्जिंग के बाद दीघा घाट पहुंचेगा।पर्यटन विभाग द्वारा कंगन घाट में भी चार्जिंग प्वाइंट स्थापित करने की योजना है, जो वर्तमान में टेंडर प्रक्रिया में है। जहाज की बैट्री आधे घंटे में चार्ज हो जाएगी और इससे लगभग डेढ़ घंटे तक संचालन संभव होगा।


वाटर मेट्रो जहाज में वातानुकूलन की सुविधा है और इसमें 50 बैठने की सीटें हैं। इसके अलावा, लगभग 25 लोगों के खड़े होने की जगह भी उपलब्ध है। यह योजना गंगा नदी में पर्यटक यात्रा को सुरक्षित, आरामदायक और आकर्षक बनाने के उद्देश्य से बनाई गई है।