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EOU RAID : घूसखोर इंजीनियर पर कसा शिकंजा, 4.87 करोड़ की अवैध संपत्ति के आरोप; आर्थिक अपराध थाना ने छापेमारी शुरू

EOU RAID : बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम के तहत, आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता विवेकानंद के ठिकानों पर बड़ी छापेमारी की है। उन पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है

1st Bihar Published by: First Bihar Updated Wed, 24 Sep 2025 11:53:29 AM IST

आर्थिक अपराध इकाई (EOU)

आर्थिक अपराध इकाई (EOU) - फ़ोटो FILE PHOTO

EOU RAID : बिहार में आर्थिक अपराध इकाई ने बिहार में बिजली विभाग के अधीक्षण अभियंता विवेकानंद के पटना, सिवान और समस्तीपुर स्थित ठिकानों पर छापेमारी की है। उन पर आय से 2.74 करोड़ रुपये यानी 78% अधिक अवैध संपत्ति अर्जित करने का आरोप है। यह कार्रवाई भ्रष्टाचार के खिलाफ एक बड़ी सफलता मानी जा रही है। 


बिहार में भ्रष्टाचार के खिलाफ चल रही मुहिम के तहत, आर्थिक अपराध इकाई (EOU) ने विद्युत विभाग के अधीक्षण अभियंता विवेकानंद के ठिकानों पर बड़ी छापेमारी की है। उन पर आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने का आरोप है, जिसकी कुल राशि 2 करोड़ 74 लाख रुपये बताई जा रही है। यह राशि उनकी वैध आय से करीब 78% अधिक है। EOU की टीम ने एक साथ पटना, सिवान और समस्तीपुर में उनके आवास और अन्य ठिकानों पर तलाशी अभियान चलाया है। इसके बाद अब इस मामले में बड़ी एक्शन ली है। 


विश्वस्त सूत्रों से प्राप्त जानकारी के आधार पर सत्यापन के बाद आर्थिक अपराध थाना ने समस्तीपुर के विद्युत अधीक्षण अभियंता श्री विवेकानंद के खिलाफ अवैध संपत्ति अर्जित करने के गंभीर आरोपों पर कार्रवाई शुरू कर दी है। आरोप है कि श्री विवेकानंद ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए ज्ञात वैध आय 2,74,00,000/- (दो करोड़ चौहत्तर लाख) रुपये की तुलना में कहीं अधिक, 4,87,30,343/- (चार करोड़ सतासी लाख तीस हजार तीन सौ पैतालीस) रुपये मूल्य की परिसंपत्ति अर्जित की, जो उनके वैध आय से लगभग 77.84 प्रतिशत अधिक है।


आर्थिक अपराध थाना में कांड संख्या-27/2025, दिनांक 23.09.2025 के तहत धारा-13(2) सह-धारा 13(1)(बी) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 (संशोधित 2018) के तहत मामला दर्ज किया गया। आरोप पत्र में उल्लिखित है कि अभियुक्त द्वारा अवैध तरीके से अर्जित संपत्ति के स्रोतों की पहचान की गई है और इसके सम्बन्ध में समस्त तथ्य जुटाए जा रहे हैं।


अधिकारियों ने बताया कि मामले में तलाशी कार्रवाई के लिए माननीय न्यायालय से तलाशी अधिपत्र प्राप्त किया गया है। इसके तहत आज दिनांक 24.09.2025 को श्री विवेकानंद के विभिन्न आवासों और कार्यालय पर छापामारी शुरू की गई। तलाशी कार्रवाई के दौरान निम्नलिखित स्थानों पर छापे डाले गए हैं:


ग्राम-संठी, थाना-रघुनाथपुर, जिला-सिवान स्थित पैतृक आवास। कुंटी कुटीर, लक्ष्मीपुर, आंदर ढाला के पास, थाना-नगर, जिला-सिवान स्थित निवास। ग्राम रसीदचक, थाना-हुसैनगंज, जिला-सिवान स्थित निवास। फ्लैट नंबर-601, ब्लॉक-ई, काश्यप ग्रीन सिटी, कोथवों, थाना-रूपसपुर, जिला-पटना स्थित आवास। वास्तु विहार, फेज-1, रोड नंबर-8, थाना-मुसरीघरारी, जिला-समस्तीपुर स्थित किराया का आवास। नार्थ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कम्पनी लिमिटेड, समस्तीपुर कार्यालय कक्ष।


अधिकारियों ने बताया कि तलाशी और छापेमारी की कार्रवाई के दौरान अभियुक्त द्वारा अर्जित संपत्ति की वैधता और उसके स्रोतों की पूरी जांच की जाएगी। तलाशी के दौरान प्राप्त दस्तावेज़, बैंक विवरण और अन्य संपत्ति संबंधी रिकॉर्ड को संलग्न कर आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए रिकॉर्ड तैयार किया जाएगा।


आर्थिक अपराध शाखा के वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत ऐसे मामलों की गंभीरता से जांच की जाती है। उन्होंने यह भी बताया कि यह कार्रवाई इस बात का संदेश है कि कोई भी सरकारी पद का दुरुपयोग कर अवैध संपत्ति अर्जित नहीं कर सकता। स्थानीय नागरिकों में इस मामले को लेकर चर्चा तेज हो गई है। कई लोगों का मानना है कि ऐसे मामलों की समय पर कार्रवाई से प्रशासन में पारदर्शिता बढ़ती है और आम जनता का विश्वास सरकारी संस्थानों में मजबूत होता है।


वहीं, अधिकारियों ने मीडिया और आम जनता से अनुरोध किया है कि तलाशी और छापेमारी प्रक्रिया पूरी होने तक किसी भी अटकल या रिपोर्ट को आधार न बनाएं। विस्तृत और अंतिम जानकारी तलाशी कार्रवाई के पूरा होने के बाद ही साझा की जाएगी।


इस मामले में आगामी दिनों में अतिरिक्त आरोप और संपत्ति संबंधी विवरण सार्वजनिक किए जाने की संभावना है। अधिकारियों का कहना है कि किसी भी सरकारी पद का दुरुपयोग और भ्रष्टाचार न केवल व्यक्तिगत अपराध है, बल्कि यह पूरे प्रशासनिक तंत्र की विश्वसनीयता को प्रभावित करता है, इसलिए इसे गंभीरता से लिया जा रहा है। अभियुक्त विवेकानंद के खिलाफ दर्ज यह मामला बिहार में सरकारी अधिकारियों के खिलाफ भ्रष्टाचार के खिलाफ सख्त कार्रवाई का उदाहरण माना जा रहा है।